Edited By Niyati Bhandari,Updated: 02 Sep, 2023 09:35 AM
एक बार गांधी जी के बड़े भाई के ऊपर कर्ज हो गया। उन्हें कर्ज मुक्त करने के लिए गांधी जी ने अपना सोने का कड़ा बेच दिया और पैसे अपने भाई को दे दिए। मार खाने के डर से
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Mahatma Gandhi ji story: एक बार गांधी जी के बड़े भाई के ऊपर कर्ज हो गया। उन्हें कर्ज मुक्त करने के लिए गांधी जी ने अपना सोने का कड़ा बेच दिया और पैसे अपने भाई को दे दिए। मार खाने के डर से गांधी जी ने अपने माता-पिता से झूठ बोला कि कड़ा कहीं गिर गया है। झूठ बोलने के कारण उनका मन स्थिर नहीं हो पा रहा था। उन्हें अपनी गलती का अहसास हो रहा था और उनकी आत्मा से बार-बार आवाज उठ रही थी कि उन्हें झूठ नहीं बोलना चाहिए था। अंत में गांधी जी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया और उन्होंने सारी बात एक कागज में लिखकर पिता जी को बता दी।
गांधी जी ने सोचा कि जब पिता जी को मेरे अपराध की जानकारी होगी तो वह उन्हें बहुत पीटेंगे, लेकिन पिता ने ऐसा कुछ भी नहीं किया। वह बैठ गए और उनकी आंखों से आंसू आ गए। छुपकर देख रहे गांधी जी को इस बात से बहुत चोट लगी। उन्होंने महसूस किया कि प्यार हिंसा से ज्यादा असरदार दंड हो सकता है। इस घटना के बाद गांधी जी ने छोटी-सी उम्र में झूठ न बोलने की शिक्षा ग्रहण कर ली।
कई बार ऐसी ही आवाज हमारे अंदर भी आती है जब हम किसी से झूठ बोलते हैं किन्तु हम उस आवाज पर भरोसा नहीं करते और इसे नजरअंदाज करके भारी भूल कर देते हैं। हमें झूठ नहीं बोलना चाहिए क्योंकि झूठ का कोई वजूद नहीं है और इससे हम किसी और को नहीं बल्कि खुद को ही धोखा देते हैं।