Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति पर करें इन चीजों का दान, खुशियों से भर जाएगा आपका खजाना

Edited By Prachi Sharma,Updated: 04 Jan, 2025 07:21 AM

makar sankranti 2025

पंचांग के अनुसार वर्ष में हर माह में संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। इनमें से मकर संक्रांति को सबसे बड़ी संक्रांति माना जाता है। इस दिन सूर्य देव धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं।

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Makar Sankranti 2025: पंचांग के अनुसार वर्ष में हर माह में संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। इनमें से मकर संक्रांति को सबसे बड़ी संक्रांति माना जाता है। इस दिन सूर्य देव धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं। मकर संक्रांति को पवित्र पर्व माना जाता है और इस दिन को विशेष रूप से सूर्यदेव की उपासना, तीर्थयात्रा और दान पुण्य के लिए शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन किया गया दान न केवल पुण्य का कारण बनता है, बल्कि यह व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता लाता है। इस दिन दान करने से पापों का नाश होता है और भाग्य में वृद्धि होती है। वर्ष 2025 में मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा।

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तिल और गुड़ का दान
मकर संक्रांति का पर्व तिल और गुड़ के दान से जुड़ा हुआ है। इस दिन तिल और गुड़ के सेवन की परंपरा है, साथ ही इनका दान भी विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। तिल और गुड़ का दान व्यक्ति को शांति और सुख-समृद्धि प्रदान करता है। तिल को सूर्यदेव के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। तिल और गुड़ का दान करने से न केवल व्यक्ति के पापों का नाश होता है बल्कि यह उनके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करता है। विशेष रूप से यह दान गरीबों या जरूरतमंदों को किया जाना चाहिए। माना जाता है कि इस दिन तिल और गुड़ का दान करने से व्यक्ति के जीवन में प्रेम, सद्भाव और समृद्धि का वास होता है। साथ ही, यह दान करने से मानसिक शांति मिलती है।

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कंबल का दान
मकर संक्रांति के दिन कंबल का दान करना अत्यधिक पुण्यकारी माना जाता है। कंबल का दान करने से व्यक्ति के भाग्य में भी सुधार करता है। गरीबों या जरूरतमंदों को कंबल देने से उन पर मकर संक्रांति का आशीर्वाद बरसता है और दानदाता के जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। इसके अलावा मां लक्ष्मी की कृपा भी बरसती है।

पानी का दान
मकर संक्रांति के दिन पानी का दान भी अत्यंत महत्व रखता है। विशेष रूप से गंगाजल या पवित्र नदियों का जल दान करना अधिक फलदायी माना जाता है। पानी का दान व्यक्ति के जीवन में शुद्धता, समृद्धि और स्वास्थ्य लाने का प्रतीक है। पानी का दान करने से मानसिक संतुलन और शांति मिलती है और यह व्यक्ति को आत्मिक उन्नति की दिशा में भी मार्गदर्शन करता है। यह दान किसी भी धार्मिक स्थान पर किया जा सकता है, जैसे मंदिर, गुरुद्वारा या तीर्थ स्थल, जहां श्रद्धालु पानी के पात्रों में जल भरकर उसे मंदिर के पुजारियों या पवित्र स्थान पर चढ़ाते हैं।

भोजन का दान
मकर संक्रांति के दिन भोजन का दान करना भी बहुत ही पुण्यकारी माना जाता है। यह दान विशेष रूप से गरीबों में करना चाहिए। यह दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और व्यक्ति के जीवन में दरिद्रता दूर होती है। मकर संक्रांति के दिन जब भोजन का दान किया जाता है, तो यह व्यक्ति के जीवन में समृद्धि, समता और शांति का प्रतीक बनता है। खासतौर पर इस दिन तिल से बने लड्डू और पकवानों का दान किया जाता है क्योंकि तिल का विशेष संबंध इस दिन से है। इस दिन दान करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं और उनका भाग्य तेज होता है।

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