Edited By Prachi Sharma,Updated: 19 Sep, 2024 12:09 PM
आज बात करेंगे मंगल की। जो इस समय संवत चल रहा है उसके राजा मंगल हैं। मंगल संवत के राजा होकर बड़ी विकट स्थिति में आने जा रहे हैं। अगले 6, 7 महीने मंगल
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Mangal Gochar: आज बात करेंगे मंगल की। जो इस समय संवत चल रहा है उसके राजा मंगल हैं। मंगल संवत के राजा होकर बड़ी विकट स्थिति में आने जा रहे हैं। अगले 6, 7 महीने मंगल बहुत समस्या में आ जाएंगे। मंगल सामान्य तौर पर 45 दिन एक राशि में गोचर करते हैं। यह 20 अक्टूबर के बाद का और 6 जून तक का अगले साल 6 जून तक का 225 दिन का समय है। 225 दिनों के दौरान सिर्फ दो राशियों में रहेंगे। उनमें से भी एक राशि जो है वह मंगल की नीच राशि कही जाती है। बुध की मंगल की स्थिति ऐसी होने जा रही है 20 अक्टूबर को मंगल कर्क राशि में जाएंगे। कर्क राशि मंगल की नीच राशि कही जाती है। यहीं पर मंगल 6 दिसंबर को वक्री हो जाएंगे। 21 जनवरी को वक्री स्थिति में मंगल दोबारा मिथुन राशि में आएंगे। फिर 24 फरवरी 2025 को मार्गी हो जाएंगे मार्गी होकर 2 अप्रैल को फिर एक बार कर्क राशि में आएंगे। 6 जून को सिंह राशि में जाएंगे यह लगभग 225 दिन का समय है। इनमें से 154 दिन के आसपास मंगल कर्क राशि में रहेंगे और लगभग 71 दिन तक मिथुन राशि में गोचर करेंगे।
मंगल के लिए मंगल के लिए अच्छा नहीं है और मंगल के साथ-साथ दुनिया के लिए भी अच्छा नहीं है क्योंकि मंगल संवत के राजा हैं। मंगल जिस राशि में जाएंगे वहां पर कुछ न कुछ गड़बड़ जरूर कर देंगे। मंगल नीच हो गए हैं, मंगल कर्क राशि में चलेंगे। कर्क राशि मंगल की अपनी मित्र चंद्रमा की राशि है दूसरा मंगल यहां पर पंचमेश होकर कर्क राशि में जाएंगे इसलिए बहुत ज्यादा खराब नहीं होंगे। कर्क राशि के जातक मैरिड है तो आपके पार्टनर के साथ आपका कंफ्लेक्स है क्योंकि यहां पर मंगल सीधी दृष्टि देंगे सप्तम भाव को। सप्तम भाव आपके पार्टनर का भाव होता है। मंगल चौथे भाव को देख रहे हैं तो इस अवधि में कोई भी प्रॉपर्टी की खरीद करनी है वो सोच-समझ के करें। मंगल ऐसी प्रॉपर्टी के कारक होते हैं जो अनकंस्ट्रक्टेड होती है। यहां पर मंगल की चौथे भाव पर दृष्टि रहेगी। यहां पर दृष्टि होने का मतलब यह है कि कोई भी आप गाड़ी, प्लॉट, प्रॉपर्टी खरीदते हैं वो मंगल से ही आती है। तो यहां पर मंगल की दृष्टि होने का मतलब है कि आपको थोड़ा सा सोच-समझकर और देख परख कर डील करनी चाहिए। सप्तम भाव में दृष्टि का मतलब है कि पार्टनर के साथ मन-मुटाव भी हो सकता है। पार्टनर की हेल्थ को भी इशू हो सकता है। अष्टम भाव पर मंगल की दृष्टि जा रही है। ड्राइविंग थोड़ी सी स्लो करें।
इन राशियों के लिए मंगल रहेंगे शुभ
वृषभ राशि: वृषभ राशि के जातकों को मंगल का तीसरे भाव में गोचर करना कर्क राशि में गोचर करना बहुत अच्छा है। राहु, केतु, सूर्य, शनि, मंगल तीसरे भाव में बहुत अच्छा फल करते हैं। वृषभ राशि के लिए मंगल अच्छे हो जाएंगे तीसरे भाव में जाकर। तीसरे भाव में जाकर मंगल पराक्रम में वृद्धि करेंगे। भाइयों के सहयोग आपको मिलेगा। जब तक कर्क में रहेंगे आपके लिए पराक्रम में वृद्धि करवाने का काम करेंगे, आपको कॉन्फिडेंस देंगे। जिन दो राशियों के स्वामी आपकी कुंडली में है उसके लिए 12वें भाव के स्वामी मंगल बनते हैं और सप्तम भाव के स्वामी बनते हैं। मंगल उन दो भावों से संबंधित जो पॉजिटिव फल मिलते हैं। विदेश यात्रा करवा सकते हैं। यहां पर आपका पार्टनर जो है उसके साथ आपका तालमेल थोड़ा सा बेटर करवा सकते हैं। मंगल बिजनेस पार्टनर, लाइफ पार्टनर है तो यहां पर मंगल के अच्छे फल आपको मिलेंगे।
कुंभ राशि: कुंभ राशि के जातकों के लिए मंगल छठे भाव में गोचर करेंगे। छठे भाव में आकर भले ही यहां पर नीच के हो जाएंगे लेकिन छठे का गोचर मंगल का अच्छा होता है। यदि आपके ऊपर कोई कर्ज है तो कर्ज की मुक्ति के लिए मंगल के उपाय करें। मंगल इस भाव के कारक होकर यहां पर बैठेंगे ये मंगल इस भाव के कारक भी होते हैं। छठे के कारक ही मंगल होते हैं। तो रोग ,ऋण, शत्रु से संबंधित जो समस्याएं हैं खास तौर पर कुंभ राशि के जातकों के लिए उनको फायदा हो सकता है, कर्ज में कमी हो सकती है। ये लगभग 225 दिन का पीरियड है जब मंगल यहीं पर रहेंगे। इसके अलावा आपका यदि कोई कोर्ट केस चल रहा है वहां पर आप भारी पड़ते हुए नजर आएंगे सामने वाले के ऊपर। यदि आपको कोई फिजिकल प्रॉब्लम है तो वहां पर मंगल आपको स्ट्रेंथ देंगे। कुंभ राशि के जातक के लिए मंगल 11वें भाव, तीसरे भाव के स्वामी बनते हैं। दशम भाव के स्वामी का शुभ गोचर में जाना दशम आपके कारोबार का भाव होता है। यह आपके लिए अच्छा है और आप डेफिनेटली फायदा होगा। आपके कारोबार में वृद्धि होगी, कार्यस्थल पर आपका प्रभाव बढ़ेगा।
कन्या राशि: कन्या राशि के जातकों के लिए मंगल 11वें भाव में गोचर करेंगे। 11वें भाव में मंगल का गोचर आपके लिए अच्छा है। 11वें भाव में मंगल के गोचर का मतलब है कि आपको जो 11वां भाव होता है वो आय का भाव होता है। आय से संबंधित चीजें आपके लिए थोड़ी सी बेटर होंगी। 11वें से प्रमोशन देखी जाती है यदि आपकी कोई प्रमोशन पेंडिंग है तो वहां पर आपको एलिवेशन मिलती हुई नजर आएगी। मंगल आपके लिए अष्टम भाव के स्वामी है। ऐसी स्थिति में आपको कहीं न कहीं सडन प्रॉफिट हो सकता है। कन्या राशि के जातकों के लिए तीसरे भाव के अच्छे फल मिलें,गे 11वें के फल मिलेंगे।
कर्क राशि को थोड़ा सा सावधान रहने की जरूरत है। इसके अलावा मंगल जिसके लिए अष्टम भाव में गोचर करेंगे वो गोचर अच्छा नहीं होगा। वहां पर थोड़ा सा सावधान जरूर रहने की जरूरत है। धनु राशि है उनको ड्राइविंग थोड़ी सी स्लो करनी चाहिए क्योंकि यहां पर जब मंगल बैठेंगे तो आपके दूसरे भाव को देखेंगे। धन की हानि करवा सकते हैं। यदि आपका काम ऐसा है जहां पर दुर्घटना होने का भय रहता है वहां पर थोड़ी सी जरूर सावधानी रखिए। अष्टम भाव में मंगल का गोचर अच्छा नहीं होगा। यहां पर मंगल नुकसान करवा सकते हैं क्योंकि मंगल यहां पर बैठेंगे तो आपके 11वें को देखेंगे। इसके अलावा तीसरे को देखेंगे तो यहां पर तीसरा पराक्रम का भाव होता है। पराक्रम में आपको आपका कॉन्फिडेंस थोड़ा सा कम कर सकते हैं।
नरेश कुमार
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