Mangala Gauri Vrat: सावन माह में कब-कब रखा जाएगा मंगला गौरी व्रत, जानें इससे जुड़ी पौराणिक कथा

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 22 Jul, 2024 06:34 AM

mangala gauri vrat

आज 22 जुलाई से भगवान शिव के प्रिय माह सावन की शुरुआत होने जा रही है। हर साल की तरह यह माह शिव जी के भक्तों के लिए बहुत शुभ रहने वाला है। सावन के मंगलवार में पड़ने वाले मंगला गौरी व्रत को

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Mangala Gauri Vrat 2024: आज 22 जुलाई से भगवान शिव के प्रिय माह सावन की शुरुआत होने जा रही है। हर साल की तरह यह माह शिव जी के भक्तों के लिए बहुत शुभ रहने वाला है। सावन के मंगलवार में पड़ने वाले मंगला गौरी व्रत को बहुत ही खास माना जाता है। इस दिन माता पार्वती की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है। सावन का पहला मंगला गौरी व्रत 23 जुलाई 2024, मंगलवार के दिन रखा जाएगा। इस दिन माता पार्वती की पूजा करने से मनचाहा जीवनसाथी और सदा सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद प्राप्त होता है। वैवाहिक जीवन और संतान संबंधित परेशानियां भी दूर होती हैं।

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Mangala Gauri fast will be observed on this day इस दिन रखा जाएगा सावन माह में मंगला गौरी व्रत
पहला मंगला गौरी व्रत -
23 जुलाई 2024
दूसरा मंगला गौरी व्रत - 30 जुलाई 2024
तीसरा मंगला गौरी व्रत - 6 अगस्त 2024
चौथा मंगला गौरी व्रत - 13 अगस्त 2024

सावन माह में पड़ने वाले मंगलवार के दिन माता पार्वती की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। मां मंगला गौरी की पूजा करने से शादीशुदा महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है और कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की कामना से यह व्रत रखती हैं।

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Mangala Gauri Vrat Story मंगला गौरी व्रत कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन काल में एक गांव में धर्मपाल नाम का एक व्यापारी रहता था। उसके पास पैसों की कोई कमी नहीं थी। वह बहुत ही बृद्धिमान और ज्ञानी होने के साथ-साथ देवों के देव महादेव का भक्त था। कुछ सालों बाद व्यापारी की शादी एक सुंदर और सुशील कन्या के साथ हो गई। शादी के सालों बाद भी उनके घर में कोई संतान न होने के कारण व्यापारी बहुत चिंतित था।

संतान न होने के कारण व्यापारी बहुत ही परेशान रहने लगा, वह सोचने लगा कि यदि उसकी कोई संतान न हुई तो उसके व्यापार का उत्तराधिकारी कौन होगा ? एक दिन धर्मपाल की पत्नी ने उसे किसी पंडित से संपर्क करने की सलाह दी। व्यापारी पत्नी के कहने पर शहर के सबसे बड़े पंडित के पास गया। पंडित ने व्यापारी को पत्नी सहित माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करने की सलाह दी। पंडित की सलाह से धर्मपाल और उनकी पत्नी सच्चे मन के साथ माता पार्वती और शिव जी की पूजा करने लगे।

उन दोनों की भक्ति से प्रसन्न होकर माता पार्वती प्रकट होकर बोली- तुम्हारी भक्ति से मैं प्रसन्न हूं, जो वर मांगना चाहते हो मांगो। माता की बात सुनते ही धर्मपाल की पत्नी ने संतान प्राप्ति की कामना की। माता ने धर्मपाल की पत्नी को पुत्र प्राप्ति का आशीर्वाद दिया लेकिन उसकी आयु बहुत कम होगी। साथ में यह भी कहा। एक साल बाद धर्मपाल के घर एक पुत्र ने जन्म लिया।

जब पुत्र का नामकरण हुआ। उस दौरान धर्मपाल की पत्नी ने ज्योतिषी को माता पार्वती के वचन के बारे में बताया। तब ज्योतिषी ने धर्मपाल को अपने पुत्र का विवाह मंगला गौरी व्रत करने वाली कन्या से करने की सलाह दी। बेटे के बड़े होने के बाद धर्मपाल ने अपने पुत्र की शादी मंगला गौरी व्रत करने वाली कन्या से ही कर दी। इस शादी की वजह से धर्मपाल के पुत्र ने 100 साल की लंबी आयु प्राप्त की।

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