Dharmik Sthal: सीता-राम जी जहां ‘झूला’ झूलने आया करते थे

Edited By Jyoti,Updated: 11 Apr, 2021 06:04 PM

mani parvat ayodhya

राम से जुड़े जिन पवित्र स्थलों के दर्शन आपको इस बार करवाने जा रहे हैं, उनमें वह स्थान जहां सीता-राम जी सावन में झूला झूलने आया करते थे से लेकर वे घाट तथा नदियां

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राम से जुड़े जिन पवित्र स्थलों के दर्शन आपको इस बार करवाने जा रहे हैं, उनमें वह स्थान जहां सीता-राम जी सावन में झूला झूलने आया करते थे से लेकर वे घाट तथा नदियां तक शामिल हैं जहां उनके चरण पड़े थे। इनमें सूर्यकुंड विशेष रूप से शामिल है। आज भक्तों को उक्त कुंड के निकट स्थित मंदिर में सूर्य भगवान की एक अलग ही प्रकार की प्रतिमा के दर्शन होते हैं।

मणि पर्वत, अयोध्या जी, फैजाबाद (उ.प्र.)
विवाह में राजा जनक ने दहेज के रूप में बहुत बड़ा खजाना तथा रत्न व मणियां दी थीं। विवाहोपरांत उन मणियों का यहां पर्वत के समान ढेर लग गया था इसलिए आज भी इसे मणि पर्वत कहते हैं। यहां श्री सीता-राम जी सावन में झूला झूलने आते थे। आज भी हरियाली तीज को झूला की परंपरा है। (जनुश्रुतियों के आधार पर)

तमसा तट, गौरा घाट (तमसा), फैजाबाद (उ.प्र.)
यहां श्री राम ने वनवास की प्रथम रात्रि विश्राम किया था। तमसा का वर्तमान नाम मंडाह एवं मंढाह है तथा स्थल का नाम गौरा घाट है। गौरा शब्द गौरव का अपभ्रंश है। यह स्थान अयोध्या जी से लगभग 20 कि.मी. दूर है। (ग्रंथ उल्लेख : वा.रा. 2/46/1 से 17 तथा 28, मानस 2/84 दोहा से 2/84/1, 2, 3 तथा 2/85 दोहा)

सूर्यकुंड, रामपुर भगन फैजाबाद (उ.प्र.)
रामपुर भगन से लगभग 2 कि.मी. दूर सूर्यकुंड में श्रीराम, लक्ष्मण तथा सीता जी ने स्नान कर भगवान सूर्य की पूजा की थी। (ग्रंथ उल्लेख : वा.रा. 2/46/21 से 34, मानस 2/ 84/4 परिस्थिति जन्य) —डा. राम अवतार


 

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