Edited By Niyati Bhandari,Updated: 06 Jun, 2022 08:59 AM
हर व्यक्ति स्वस्थ तन और मन की कामना करता है। आधुनिक जीवन की दौड़ और बदलते लाइफस्टाइल से स्वास्थ्य में गिरावट आना आम हो गया है। शायद ही कोई घर ऐसा हो, जहां दवाई को न खाया जाता हो।
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Mantra for Good Health and Healing: हर व्यक्ति स्वस्थ तन और मन की कामना करता है। आधुनिक जीवन की दौड़ और बदलते लाइफस्टाइल से स्वास्थ्य में गिरावट आना आम हो गया है। शायद ही कोई घर ऐसा हो, जहां दवाई को न खाया जाता हो। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यदि रोजमर्रा के जीवन में कुछ मंत्रों का जाप कर लिया जाए तो व्यक्ति सेहतमंद और दीर्घायु हो सकता है। मंत्रों में दिव्य और आलौकिक शक्तियां होती हैं, जिससे गंभीर रोगों और अकाल मृत्यु को भी टाला जा सकता है।
स्वास्थ्य लाभ के लिए इस मंत्र का 108 बार जप करें- ऊँ ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च । गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु ।।
हे ब्रह्मा, विष्णु और महेश जी और ग्रहों में प्रथम विश्व की रक्षा करने वाले भगवान सूर्य मेरी पीड़ा का हरण करें ।
अमृत का पान कराने वाले चंद्रदेव मेरी पीड़ा को दूर करें ।
जगत् को भय प्रदान करने वाले, मंगल मेरी पीड़ा का हरण करें ।
चन्द्रमा के पुत्र बुध मेरी पीड़ा का निवारण करें ।
देवताओं के गुरु बृहस्पति मेरी पीड़ा को दूर करें ।
दैत्यों के गुरू महान बुद्धि संपन्न शुक्र मेरी पीड़ा को दूर करें ।
शनि देव मेरी पीड़ा को दूर करें ।
तमोमय राहु मेरी पीड़ा का हरण करें ।
हे केतु देव मेरी पीड़ा का हरण करें और स्वास्थ्य लाभ दें ।
Mahamrityunjay Mantra महामृत्युंजय मंत्र- ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ।।
अर्थ- हम भगवान शिव की पूजा करते हैं, जिनके तीन नेत्र हैं, जो हर श्वास में जीवन शक्ति का संचार करते हैं और पूरे जगत का पालन-पोषण करते हैं । हे भगवान शिव हमें मृत्यु से मुक्ति दो, लंबी आयु दो और अमरता की बढ़ोतरी हो तथा मोक्ष की प्राप्ति हो।
विधि- महामृत्युंजय मंत्र का जप रोजना रुद्राक्ष की माला से करने से अकाल मृत्यु (असमय मौत) का डर दूर होता है ।
भय से छुटकारा पाने के लिए 1100 मंत्र का जप करना चाहिए ।
रोगों से मुक्ति के लिए ग्यारह हजार मंत्रों का जप करना चाहिए ।
अकाल मृत्यु से बचने के लिए सवा लाख की संख्या में मंत्र जप करना अनिवार्य है ।
इस मंत्र का जाप सुबह-शाम कर सकते हैं ।
डॉ एच एस रावत (सनातन धर्म चिंतक)