Edited By Niyati Bhandari,Updated: 28 Nov, 2023 10:39 AM
हिंदू पंचांग का 9वां महीना मार्गशीर्ष माह आरंभ हो गया है। इस महीने को अगहन नाम से भी जाना जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार ये सबसे पवित्र महीना माना गया है क्योंकि इसे भगवान श्रीकृष्ण का स्वरूप कहा गया है। मार्गशीर्ष महीने का
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Margashirsha Month 2023: आज 28 नवंबर से हिंदू पंचांग का 9वां महीना मार्गशीर्ष माह आरंभ हो गया है। इस महीने को अगहन माह के नाम से भी जाना जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार ये सबसे पवित्र महीना माना गया है क्योंकि इसे भगवान श्रीकृष्ण का स्वरूप कहा गया है। मार्गशीर्ष महीने का संबंध मृगशिरा नक्षत्र से भी है। ज्योतिष के अनुसार 27 नक्षत्र माने गए हैं। जोकि चन्द्रमा की पत्नियां हैं। इन्हीं 27 नक्षत्रों में से एक नक्षत्र का नाम है मृगशिरा नक्षत्र। मगसर महीने की पूर्णिमा मृगशिरा नक्षत्र से युक्त होती है इसलिए इस महीने को मार्गशीर्ष मास कहा जाता है। श्रीमद्भागवत में भगवान कृष्ण स्वयं कहते हैं
मासानां मार्गशीर्षोऽहम्
अर्थात समस्त महिनों में मार्गशीर्ष मेरा ही स्वरूप है।
इस माह में श्रीकृष्ण के केशव स्वरूप की पूजा की जाती है। श्रीकृष्ण को अपना बनाने के लिए केवल प्रेम की साधना ही पर्याप्त है। मार्गशीर्ष महीने में प्रेम भाव से श्रीकृष्ण को पुकारें। कृष्ण भक्ति शाखा में माना जाता है मंत्रों से भी ज्यादा महत्व कीर्तन और भजन का होता है। स्कन्दपुराण में कहा गया है श्री राधा कृष्ण की कृपा पाने वाले श्रद्धालुओं को अगहन माह में व्रत-उपवास और भजन-कीर्तन करते रहना चाहिए। संध्याकाल में श्रीराधाकृष्ण की आराधना और भजन-कीर्तन अवश्य करें।
एक महीने तक करेंगे यह काम तो बड़े फायदों के साथ मिलेंगे ढेरों लाभ, रखें ध्यान
शंख पूजा करें।
सारा महीना जीरा नहीं खाना चाहिए।
तेल मालिश शुभ फल देती है।
वसायुक्त भोजन खाना चाहिए।
प्रतिदिन गीता का पाठ करें।
किसी पवित्र नदी में स्नान का विशेष महत्व है।