Edited By Prachi Sharma,Updated: 01 Dec, 2024 06:40 AM
आज 1 दिसंबर को मार्गशीर्ष अमावस्या है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने की अमावस्या तिथि का महत्व विशेष होता है। खासकर मार्गशीर्ष अमावस्या का दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्व रखता है
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Margashirsha Amavasya 2024: आज 1 दिसंबर को मार्गशीर्ष अमावस्या है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने की अमावस्या तिथि का महत्व विशेष होता है। खासकर मार्गशीर्ष अमावस्या का दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्व रखता है क्योंकि इसे पितृ दोष निवारण और अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए विशेष रूप से समर्पित किया जाता है। इसे पितृ अमावस्या भी कहा जाता है। इस दिन पितरों को तर्पण और श्राद्ध अर्पित करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। माना जाता है कि इस दिन पितृ देवता धरती पर आते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है। मार्गशीर्ष अमावस्या का दिन विशेष रूप से श्राद्ध कर्म, पितृ तर्पण और पवित्रता के कार्यों के लिए उत्तम माना जाता है लेकिन इस दिन कुछ विशेष गलतियों से बचना बेहद आवश्यक है। यदि इस दिन कोई भी गलती की जाती हैतो न केवल पितृ देवता नाराज हो सकते हैं, बल्कि आपके जीवन में नकारात्मक ऊर्जा भी आ सकती है जो आपके भविष्य को प्रभावित कर सकती है। आइए जानते हैं कि इस दिन कौन-सी 7 गलतियां भूलकर भी नहीं करनी चाहिए, ताकि आपकी किस्मत आपसे रूठे नहीं।
पितृ तर्पण और श्राद्ध कर्म का त्याग करना
मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन सबसे बड़ी गलती पितृ तर्पण और श्राद्ध कर्म को नजरअंदाज करना है। यह दिन पितरों के आशीर्वाद प्राप्त करने और उनके प्रति श्रद्धा प्रकट करने का होता है। यदि आप इस दिन पितृ तर्पण या श्राद्ध कर्म नहीं करते हैं तो माना जाता है कि पितृ देवता नाराज हो जाते हैं और आपके जीवन में कष्ट बढ़ सकता है। पितृ तर्पण करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और परिवार में सुख-शांति का वास होता है।
अशुद्ध आहार का सेवन करना
मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन विशेष रूप से शुद्ध आहार का सेवन करना चाहिए। अगर इस दिन आप किसी प्रकार के अशुद्ध या तामसी आहार का सेवन करते हैं तो यह न केवल आपके शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है बल्कि यह आपके पितरों के साथ भी असम्मान का कारण बन सकता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पवित्रता बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण होता है।
मन में नकारात्मक विचारों का आना
मार्गशीर्ष अमावस्या का दिन मानसिक और आत्मिक शांति के लिए उपयुक्त होता है। यदि इस दिन आप नकारात्मक विचारों में खो जाते हैं या गुस्से में रहते हैं, तो यह न केवल पितृ दोष को बढ़ा सकता है बल्कि आपकी किस्मत भी आपसे दूर हो सकती है। माना जाता है कि इस दिन अगर आप मन में बुरी भावनाओं को पालते हैं तो यह पितृ दोष को उत्पन्न करता है और जीवन में अड़चने आ सकती हैं।
व्रत या पूजा का उल्लंघन करना
मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन कई लोग उपवासी रहते हैं और व्रत रखते हैं। यदि आप इस दिन व्रत रखते हैं तो उसे पूरी श्रद्धा और नियमों के साथ पालन करना चाहिए। अगर आप व्रत को अधूरा छोड़ देते हैं या नियमों का पालन नहीं करते हैं तो यह आपके जीवन में नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। पूजा में शुद्धता और भक्ति का विशेष महत्व होता है और इसे किसी भी प्रकार से लापरवाही से नहीं करना चाहिए।
दूसरों के साथ वाद-विवाद करना
मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन किसी के साथ भी वाद-विवाद या झगड़ा करने से बचना चाहिए। यह दिन शांति और भाईचारे का होता है और यदि आप इस दिन किसी के साथ झगड़ा करते हैं या गुस्से में रहते हैं तो यह पितृ देवताओं को नाराज कर सकता है। साथ ही, इस दिन अगर आपकी भावनाएं नकारात्मक रहती हैं तो आपकी किस्मत पर भी प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
निर्धन व्यक्तियों या ब्राह्मणों का अपमान करना
मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन किसी भी निर्धन व्यक्ति या ब्राह्मण का अपमान करना सबसे बड़ी गलती मानी जाती है। धर्म ग्रंथों के अनुसार पितृ अमावस्या के दिन ब्राह्मणों और गरीबों को दान देना अत्यंत शुभ होता है, लेकिन यदि इस दिन इनका अपमान किया जाता है तो यह पितृ दोष को बढ़ावा देता है और जीवन में दरिद्रता और संकट पैदा कर सकता है।