इसलिए मरघट वाले बाबा हनुमान के नाम से प्रसिद्ध है ये मंदिर

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Nov, 2017 05:28 PM

marghat wale baba hanuman

कलयुग के भगवान हनुमान जी को बिगड़ी तकदीर बनाने वाला देवता अगर बोला जाए तो यह बात इनके लिए गलत नहीं होगी। हनुमान जी के दर पर अगर कोई सच्चे दिल से और तड़प से कोई चीज मांगता है तो हनुमान जी अपने उस भक्त को कभी निराश नहीं करते। हनुमान जी के कलयुग में...

कलयुग के भगवान हनुमान जी को बिगड़ी तकदीर बनाने वाला देवता अगर बोला जाए तो यह बात इनके लिए गलत नहीं होगी। हनुमान जी के दर पर अगर कोई सच्चे दिल से और तड़प से कोई चीज मांगता है तो हनुमान जी अपने उस भक्त को कभी निराश नहीं करते। हनुमान जी के कलयुग में मौजूद होने के कई साक्षात प्रमाण आज भी कई लोगों को मिलते रहते हैं। भारत देश के साथ-साथ कई बार तो हनुमान जी विदेशों में भी अपने होने के सबूत लोगों को दे चुके हैं। आज भी हनुमान जी के कई चमत्कार निरंतर घटित होते रहते हैं। दिल्ली में भी एक ऐसा ही मंदिर है जहां हनुमान जी आज से हजारों सालों पहले प्रकट हुए थे और तब भी उन्होंने सैंकड़ों बुरी आत्माओं को मुक्ति प्रदान की थी। आइये दिल्ली के एक शक्तिशाली और बेहद महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के बारे में जानें जहां बिगड़ी बनाने वाले हनुमान जी की उपस्थिति आज भी है:-


दिल्ली के जमुना बाजार में स्थित है ये प्राचीन मंदिर
यह शक्तिशाली हनुमान मंदिर दिल्ली के जमुना बाजार में स्थित है जो मरघट वाले बाबा हनुमान के नाम से प्रसिद्ध है। दिल्ली के कश्मीरी गेट के पास विराजित हनुमान जी के दर्शन को दिल्ली के हजारों लोग प्रतिदिन आते हैं। मंदिर के बारें में बताया जाता है कि यहां भगवान हनुमान साक्षात प्रकट हुए थे।

 

इतिहास
इस मंदिर का इतिहास यह है कि जब भगवान हनुमान लक्ष्मण जी के लिए संजीवनी बूटी का पहाड़ लेकर लंका जा रहे थे तो वह दिल्ली के इसी स्थान पर कुछ देर के लिए ठहरे थे। इस मंदिर का नाम मरघट वाले बाबा हनुमान मंदिर इस वजह से विख्यात हुआ, क्योंकि हनुमान जब पहाड़ लेकर जा रहे थे तो उन्होंने नीचे यमुना नदी को बहते हुए देखा और यमुना जी के किनारे कुछ देर के लिए हनुमान जी आराम करना चाहा। लेकिन जब हनुमान नीचे उतरे तो उन्होंने देखा कि यहां तो शमशान घाट है और उनके यहां उतरने से बुरी आत्माओं में हाहाकार मच गया था। यहां उस समय हनुमान की उपस्थिति ने सभी आत्माओं को मुक्ति प्रदान की थी।

 

साथ ही साथ जब भगवान हनुमान ने माता यमुना जी के दर्शन किये तो तब यमुना जी ने भी हनुमान जी को बोला कि आपके दर्शन करने में हर साल आया करुंगी और यहां आपका एक शक्तिशाली मंदिर होगा। 


हर साल यमुना नदी का जल स्तर बढ़कर मंदिर तक आता है। निर्माण कार्य होने के बाद यमुना जी की धारा मंदिर तक नहीं आ पाई लेकिन यहां के साधुओं का कहना है कि कुछ सालों के अंतराल बाद यहां बाढ़ आती ही आती है और जब यमुना जी का हनुमान जी के दर्शन करने का मन होता है तो वह विशाल रूप लेकर मदिर में आ जाती हैं। मंदिर के सामने आज भी शमशान घाट है और जो आत्मा यहां अंतिम यात्रा में आती है उसे बाबा हनुमान जी पार लगाते हैं।


हर मंगलवार और शनिवार को मरघट वाले बाबा हनुमान मंदिर में हजारों की संख्या में भक्त आते हैं और अपनी बिगड़ी तकदीर को संवारने की प्रार्थना हनुमान जी से करते हैं।

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