Mars Transit 2025: सेनापति मंगल चलेंगे नई चाल, 150 दिन के लिए 3 राशियों के चमकेंगे सितारे

Edited By Prachi Sharma,Updated: 18 Oct, 2024 08:43 AM

आज बात करेंगे मंगल गोचर की। इस संवत के राजा मंगल हैं। मंगल नैसर्गिक तौर पर अशुभ ग्रह है, फायरी प्लेनेट है, मंगल झगड़े के कारक हैं

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Mars Transit 2025: आज बात करेंगे मंगल गोचर की। इस संवत के राजा मंगल हैं। मंगल नैसर्गिक तौर पर अशुभ ग्रह है, फायरी प्लेनेट है, मंगल झगड़े के कारक हैं। आगे मंगल की पोजीशन में बदलाव हो रहा है और मंगल की पोजीशन में बदलाव इस बार इस तरीके का हो रहा है कि वह बहुत लंबा चला जाएगा। सामान्य तौर पर मंगल 45 दिन एक राशि में रहते हैं लेकिन 20 अक्टूबर को मंगल जब कर्क राशि में जाएंगे तो यह लंबे समय तक वही रहेंगे।  लगभग साढ़े सात महीने के आसपास का समय है जब मंगल दो राशियों में ही गोचर करेंगे। कर्क राशि में मंगल जाएंगे 20 अप्रैल को, शनि ऑलरेडी कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं। मंगल यहां पर षडाष्टक योग का निर्माण कर देंगे। लेकिन आगे जाकर मंगल 6 दिसंबर को वक्री हो जाएंगे और 24 फरवरी को होंगे इसी वक्री अवस्था में घूमते हुए मंगल 21 जनवरी को वापस मिथुन राशि में चले जाएंगे। अब मिथुन राशि में जाने के बाद मंगल फिर दोबारा जाएंगे 2 अप्रैल को कर्क राशि में और फिर यहीं पर रहेंगे और 6 जून तक। मंगल कर्क राशि में ही रहेंगे यानी कि मंगल 20 अक्टूबर से लेकर 6 जून के आसपास का समय मकर राशि कर्क राशि और मिथुन राशि में रहेंगे। कर्क राशि मंगल की नीच राशि है लेकिन चूंकि पाप ग्रह जो होते हैं। वह तीसरे, छठे और 11वें भाव में अच्छा फल करते हैं। लिहाजा मंगल कुछ राशियों के लिए अच्छा फल करके जाएंगे। मंगल नीच में भी होकर यदि दशम में आ जाएंगे तो आपके लिए वो बहुत अच्छा हो जाएंगे। वहां पर लिहाजा यहां पर सिर्फ उच्च और नीच को देखकर डिसीजन नहीं करना चाहिए। 

मंगल जब कर्क राशि में गोचर करेंगे तो सबसे पहली राशि जिसको इसका फायदा होगा वह है-

वृषभ राशि: वृषभ राशि के जातकों के लिए मंगल का गोचर तीसरे भाव में आ जाएगा। तीसरे भाव का मंगल अच्छा होता है निश्चित तौर पर यहां पर आपको उसका लाभ होता हुआ नजर आएगा। वृश्चिक जो वृषभ राशि है उसके लिए मंगल 12वें भाव के भी स्वामी बनते हैं। सप्तम के भी स्वामी बनते हैं। दोनों ही भाव अच्छे भाव नहीं है। सप्तम मार्ग स्थान होता है और 12वां आपका अशुभ स्थान होता है। यह खर्चे का भाव होता है लेकिन इसके पॉजिटिव साइड भी होते हैं। 12वें भाव से विदेश यात्रा की देखी जाती है तो वृषभ राशि के जातकों के लिए इस अवधि के दौरान 6 जून तक की अवधि के दौरान विदेश यात्रा का रास्ता खुल सकता है। जो स्टूडेंट विदेश में जाकर पढ़ाई करना चाहते हैं उनके लिए मंगल निश्चित तौर पर अच्छा फल करेंगे। वहां पर मंगल की अपनी मूल त्रिकोण राशि पड़ी हुई है तो विदेश यात्रा के लिहाज से चीजें आपको अच्छी होती हुई नजर आएंगी। सप्तम भाव चूंकि पार्टनर का भाव होता है तो पार्टनर के भाव का जो प्लेनेट है वो शुभ गोचर में चले जाना शुभ है। मंगल अपनी वृश्चिक राशि से नौवें भाव में है तो मंगल का अपने एक भाव से नौवें भाव में चले जाना निश्चित तौर पर बहुत अच्छा है। यहां पर मंगल अच्छा फल करेंगे। पार्टनर के लिहाज से भले ही वो आपका लाइफ पार्टनर है या बिजनेस पार्टनर है। यदि आपकी शादी नहीं हुई है तो शादी वाला भाव भी वो एक्टिव कर देंगे। आपको इसका शादी के लिहाज से भी फायदा हो सकता है। मंगल तीसरे भाव में है डिटरमिनेशन बढ़ा देंगे। तीसरा भाव आपका पराक्रम का भाव होता है, आपका बल यहीं से आ आता है। आपका छोटा भाई यहीं से आता है।

कन्या राशि: कन्या राशि के जातकों के लिए मंगल 11वें भाव में गोचर करेंगे। 11वें भाव का मंगल का गोचर निश्चित तौर पर बहुत अच्छा है। यहां पर आपको उसका बहुत फायदा होता हुआ नजर आएगा। यहां पर मंगल  11वें भाव में है 11वां भाव इच्छाओं का भाव है। 11वां भाव आय का भाव है, 11वां भाव आपकी एलिवेशन, तरक्की का भाव है। तो निश्चित तौर पर मंगल यहां पर कर बहुत अच्छा फल करेंगे। मंगल कन्या राशि के जातकों के लिए अच्छी स्थिति तीसरे भाव के स्वामी हैं। तीसरा भाव आपका पराक्रम का भाव होता है वो आपको अच्छा फल करेंगे। मंगल इसके अलावा अष्टम के भी स्वामी हो जाते हैं। अष्टम से संबंधित आपको अच्छे फल मिलेंगे। मंगल यहां पर 11वें भाव में आय के भाव में बैठकर अचानक धन लाभ दे सकते हैं। रिसर्च से जुड़े स्टूडेंट्स के लिए अच्छा है, भले ही वो मेडिकल के स्टूडेंट हैं या साइंस के स्टूडेंट हैं। किसी भी एरिया में जहां पर रिसर्च की जरूरत पड़ती है। उसके स्टूडेंट्स हैं उनके लिए आपको डेफिनेटली फायदा हो सकता है। तीसरे भाव से संबंधित फल आपको अच्छे मिलेंगे। यह आपके लिए अच्छा गोचर रहेगा। 

कुंभ राशि: कुंभ राशि के जातकों के लिए मंगल का यह गोचर छठे भाव में होगा। छठे भाव का मंगल का गोचर अच्छा होता है। कुंभ राशि के जातकों के लिए मंगल की वृषभ वृश्चिक राशि दशम भाव में आती है। दशम भाव आपका कारोबार, नौकरी का भाव होता है। यहां पर मंगल दशम भाव के अच्छे फल करेंगे। सबसे पहले चूंकि मंगल दशम भाव से नौवें भाव में है। दसवां भाव, दूसरा भाव और छठा भाव, दसवें भाव से मंगल छठे भाव में नौवें भाव में आ जाएंगे तो निश्चित तौर पर अपने कर्म स्थान के लिए अच्छा फल करेंगे तो कारोबार में वृद्धि के लिहाज से अच्छा है। मंगल कुंभ राशि के जातकों के लिए तीसरे भाव के  स्वामी बनते हैं। तीसरे भाव में मंगल की मूल त्रिकोण राशि मेष आ जाती है तो मेष राशि के फल वो भी मंगल आपको अच्छे करके जाएंगे। तीसरा भाव हालांकि अशुभ भाव होता है लेकिन चूंकि मंगल उस भाव के स्वामी है और इसके अलावा छोटा भाई तीसरे भाव से आता है। छोटे भाई के साथ आपका तालमेल बेटर हो सकता है। आपके पराक्रम में वृद्धि हो सकती है। कुंभ राशि के जातक हैं उनके लिए भी मंगल का छठे भाव में गोचर करना बहुत अच्छा है। 

यदि आपकी कुंडली में मंगल की पोजीशन खराब है। मंगल छठे, आठवें, 12वें में पड़े हैं राहु-केतु एक्सेस में है मंगल शनि से पीड़ित है या सूर्य के साथ है। अस्त है तो आपको मंगल की कुछ उपाय जरूर करने चाहिए। 

ॐ अं अंगारकाय नमः का जाप करें। 

लाल चीजों का दान करें। 

मंगलवार के दिन इसके अलावा आप मंगल के उपाय के लिए मूंगा धारण कर सकते हैं लेकिन मूंगा धारण तभी करिएगा यदि मंगल की पोजीशन 6,8, 12 में न हो। 

नरेश कुमार
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