Edited By Niyati Bhandari,Updated: 21 Dec, 2024 06:31 AM
Masik Kalashtami 2024: कालाष्टमी एक अत्यंत शक्तिशाली और शुभ दिन है, जो विशेष रूप से बाबा काल भैरव की पूजा और उपासना का दिन होता है। यह दिन बुराईयों के नाश और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह का प्रतीक है।
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Masik Kalashtami 2024: कालाष्टमी एक अत्यंत शक्तिशाली और शुभ दिन है, जो विशेष रूप से बाबा काल भैरव की पूजा और उपासना का दिन होता है। यह दिन बुराईयों के नाश और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह का प्रतीक है। इस दिन पूजा करने से न केवल भौतिक और मानसिक शांति मिलती है, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति भी होती है।
Kalashtami puja vidhi कालाष्टमी पूजा विधि: कालाष्टमी के दिन बाबा भैरव के निमित्त विशेष पूजा करनी चाहिए। इसे करने का विधि-विधान कुछ इस प्रकार है-
स्नान और शुद्धता: इस दिन व्रती स्नान करके शुद्धता प्राप्त करते हैं और फिर व्रत के संकल्प के साथ पूजा की शुरुआत करते हैं।
रात्रि जागरण: कालाष्टमी के दिन विशेष रूप से रात्रि जागरण करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। रात्रि के समय विशेष रूप से काल भैरव की पूजा, भजन, कीर्तन, मंत्र जप और हवन आदि करते हैं।
व्रत और उपवास: इस दिन व्रति उपवास रखते हैं और पूरे दिन किसी प्रकार का आहार ग्रहण नहीं करते हैं। रात्रि में काल भैरव की पूजा करने के बाद कुछ विशेष प्रसाद ग्रहण किया जाता है।
Kalashtami Mantra कालाष्टमी मंत्र: काल भैरव की पूजा के दौरान उनके मंत्रों का जाप किया जाता है जैसे:
ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरू कुरू बटुकाय ह्रीं
ॐ ह्रीं बटुक! शापम विमोचय विमोचय ह्रीं कलीं
ॐ नमो भैरवाय स्वाहा
ॐ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय भयं हन
ॐ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय शत्रु नाशं कुरु
ॐ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय तंत्र बाधाम नाशय नाशय
ॐ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय कुमारं रक्ष रक्ष
श्री बम् बटुक भैरवाय नमः
ॐ काल भैरवाय नमः
ॐ ह्रीं वतुकाय आपद उद्धारणाय कुरु कुरु भैरवाय नमः
इसके साथ ही दीप जलाना, फूल अर्पित करना, मांसाहार से बचना और तामसिक पदार्थों से दूर रहना आवश्यक होता है।
हवन और यज्ञ: कालाष्टमी के दिन हवन और यज्ञ का आयोजन भी किया जाता है, जिससे बुराईयों का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
Religious and Cultural Significance of Kalashtami कालाष्टमी का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व:
बुराई का नाश: कालाष्टमी पर काल भैरव की पूजा करने से बुराई, असुरों और राक्षसों का नाश होता है। यह दिन तमाम तरह की नकरात्मकता से मुक्ति पाने का दिन माना जाता है।
आध्यात्मिक उन्नति: काल भैरव की उपासना से आध्यात्मिक उन्नति होती है और व्यक्ति अपने जीवन में संतुलन और शांति महसूस करता है।
पापों से मुक्ति: कालाष्टमी के दिन पूजा करने से व्यक्ति अपने पापों से मुक्ति प्राप्त करता है और पुण्य का भागी बनता है।
Time and place of Kalashtami कालाष्टमी का समय और स्थान: कालाष्टमी विशेष रूप से भारत में मनाई जाती है लेकिन अन्य हिंदू समुदायों में भी इस दिन का महत्व है। यह व्रत विशेष रूप से काल भैरव के उपासकों द्वारा किया जाता है और इसमें भैरव बाबा के मंदिरों में विशेष पूजा आयोजित की जाती है।