Edited By Niyati Bhandari,Updated: 09 Aug, 2023 07:11 AM
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मासिक कार्तिगाई दक्षिण भारत में मनाए जाने वाला सबसे पुराना पर्व है। मासिक कार्तिगाई खासतौर पर दक्षिण भारतीयों का त्योहार है और तमिलनाडु में मुख्य रूप से मनाया जाता है।
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Masik karthigai : मासिक कार्तिगाई दक्षिण भारत में मनाए जाने वाला सबसे पुराना पर्व है। मासिक कार्तिगाई खासतौर पर दक्षिण भारतीयों का त्योहार है और तमिलनाडु में मुख्य रूप से मनाया जाता है। मासिक कार्तिगाई साल के हर महीने में आता है। इसे कार्तिगाई दीपम के नाम से भी जाना जाता है। तमिलनाडु और केरल में इस त्योहार को दीपावली की तरह मनाया जाता है। घर-घर में लोग इस दिन दीए में तेल डालकर दीप जलाते हैं। इस दिन भक्त शिव जी और भगवान मुरुगन की पूजा करते हैं। इस विशेष दिन पर, अडाई, वडाई, अप्पम, नेल्लू पोरी और मुत्तई पोरी आदि जैसे भोजन भगवान को अर्पित करने के लिए तैयार किए जाते हैं।
Monthly Karthigai Worship Method मासिक कार्तिगाई पूजा विधि
इस दिन लोग अपने घर की साफ- सफाई करते हैं और पूरे घर को फूलों से सजाते हैं। भोग को तैयार करने के बाद पूजा की जाती है। शिव जी और भगवान मुरुगन की आरती करके उनको घर में बने पकवानों का भोग लगाया जाता है।
Monthly Karthigai Importance मासिक कार्तिगाई महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव के तीसरे नेत्र से भगवान मुरुगन का जन्म हुआ था। कहा जाता है कि मुरुगन छह अलग-अलग हिस्सों के रुप में आए थे। हर एक हिस्सों को अलग नाम दिया गया है। देवी पार्वती ने सभी छह संस्थाओं को मिलाकर एक छोटे लड़के का रूप तैयार किया था। जिसे कार्तिकेय के नाम से जाना जाता है, जो भगवान शिव और देवी पार्वती के दूसरे पुत्र थे। कार्तिगाई के दिन भगवान शिव की पूजा करने और दीप जलाकर उनका अध्ययन करने से जीवन से नकारात्मकता दूर होती है। भगवान शिव की कृपा से परिवार में सब कुछ कुशल मंगल रहता है।
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Masik Karthigai ke upay: मासिक कार्तिगई के उपाय
मासिक कार्तिगाई वाले दिन पूजा करते समय इत्र, सिंदूर, धतूरा, लाल रंग के फूल, दूध, शहद, घी, चीनी, गुड़, दही, मिठाई, फल, आदि सामान जरूर शामिल करना चाहिए। इस दिन सुगंधित तेल का दीपक जलाएं। मुरुगन को गुलाबी कनेर का फूल चढ़ाना बहुत शुभ होता है। मुरुगन जी को चावल की खीर का भोग का भी भोग लगाया जाता है।
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