mahakumb

Masik Karthigai: घर को पवित्र और शुभ बनाने के लिए मासिक कार्तिगाई पर करें ये काम

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 04 Mar, 2025 04:20 PM

masik karthigai

Masik Karthigai March 2025: मासिक कार्तिगाई (Masik Karthigai) एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो मुख्यतः तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और श्रीलंका में मनाया जाता है। यह विशेष रूप से भगवान मुरुगन (कार्तिकेय) की पूजा का दिन होता है और इस दिन विशेष...

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Masik Karthigai March 2025: मासिक कार्तिगाई (Masik Karthigai) एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो मुख्यतः तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और श्रीलंका में मनाया जाता है। यह विशेष रूप से भगवान मुरुगन (कार्तिकेय) की पूजा का दिन होता है और इस दिन विशेष रूप से दीप जलाने की परंपरा है। इस अवसर पर घर में कुछ विशेष कार्य और अनुष्ठान होते हैं जो पारंपरिक रूप से घर को पवित्र और शुभ बनाने के लिए किए जाते हैं। नीचे कुछ ऐसे काम बताए जा रहे हैं, जो मासिक कार्तिगाई के दिन घर में किए जाते हैं:

PunjabKesari Masik Karthigai
घर को शुद्ध करना और विशेष तैयारी करना
साफ-सफाई:
मासिक कार्तिगाई से पहले घर को अच्छे से साफ किया जाता है। यह न केवल शारीरिक सफाई का काम होता है, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धता के लिए भी जरूरी है। घर में ताजगी और शुभता का अनुभव कराने के लिए हर कोने की सफाई की जाती है।

गंगाजल या पवित्र जल से छिड़काव: घर के हर स्थान को गंगा जल या पवित्र जल से छिड़का जाता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

कार्तिगाई दीपम का आयोजन दीपों की सजावट: इस दिन घर के आंगन, दरवाजों और खिड़कियों पर दीपों की विशेष सजावट की जाती है। ये दीपक विशेष रूप से तिल के तेल से जलाए जाते हैं और घर के प्रत्येक स्थान पर एक दीपक रखा जाता है। इन दीपों को "कार्तिगाई दीप" कहा जाता है। यह माना जाता है कि दीप जलाने से घर में लक्ष्मी का वास होता है और बुरी शक्तियां दूर होती हैं।

दीपम के मध्य प्रार्थना: घर में दीप जलाने के बाद पारंपरिक रूप से एक विशेष प्रार्थना की जाती है। जिसमें परिवार के सदस्य मिलकर भगवान मुरुगन की पूजा करते हैं। दीपम के चारों ओर एक परिक्रमा की जाती है और परिवार के सभी सदस्य इसे लेकर शुभकामनाओं का आदान-प्रदान करते हैं।

PunjabKesari Masik Karthigai
विशेष पकवानों की तैयारी
कार्तिगाई विशेष पकवान:
इस दिन घर में विशेष पकवान बनाए जाते हैं जैसे कि "अन्ना पोंगल", "पायसम", "उप्पम" और "मोर कचड़ी" आदि। ये पकवान विशेष रूप से भगवान मुरुगन को अर्पित किए जाते हैं और फिर परिवार के सदस्यों में बांटे जाते हैं। इस दिन घर में मिठाइयों का बहुत महत्व होता है और इनमें से कुछ व्यंजन पारंपरिक रूप से कार्तिगाई से जुड़ी धार्मिक मान्यताओं को सम्मानित करने के लिए बनाए जाते हैं।

स्नान और व्रत: इस दिन विशेष स्नान करते हैं और व्रत रखते हैं। परिवार के सदस्य सामूहिक रूप से एक साथ स्नान करते हैं और फिर उपवासी रहते हैं। यह दिन तप और ध्यान का दिन होता है, जिससे मानसिक और शारीरिक शुद्धता की प्राप्ति होती है।

पारिवारिक मिलन और सामूहिक पूजा
पारिवारिक पूजा: कार्तिगाई दीपम के दिन परिवार के सभी सदस्य एक साथ मिलकर भगवान मुरुगन की पूजा करते हैं। पूजा में दीप जलाने के बाद परिवार के सदस्य विशेष रूप से भगवान मुरुगन के चित्र या मूर्ति के सामने खड़े होकर प्रार्थना करते हैं। यह पूजा सामूहिक होती है ताकि घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहे।

पारंपरिक गीत और भजन: इस दिन घर में पारंपरिक तमिल भजन और काव्य गाए जाते हैं, जो भगवान मुरुगन के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हैं। यह दिन एक तरह से परिवार के बीच प्रेम और एकता को बढ़ावा देने का अवसर बनता है।

प्रकृति से जुड़ाव और ध्यान
प्राकृतिक वस्तुओं का महत्व: कार्तिगाई दीपम के दिन घर में ताजे फूल, बेलपत्र और चंदन का उपयोग किया जाता है। ये प्राकृतिक वस्तुएं घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं और वातावरण को शुद्ध करती हैं।

ध्यान और आत्म-चिंतन: इस दिन ध्यान और आत्म-चिंतन की विशेष परंपरा होती है। घर के सदस्य एक साथ शांतिपूर्वक ध्यान करते हैं और मानसिक शांति की प्राप्ति के लिए भगवान मुरुगन का ध्यान करते हैं।

PunjabKesari Masik Karthigai
अन्य धार्मिक गतिविधियां और रिवाज
श्रद्धा अर्पित करना: इस दिन लोग अपने पितरों की श्रद्धांजलि भी अर्पित करते हैं। विशेष रूप से घर के पितरों के नाम पर दीप जलाए जाते हैं और उनके शांति के लिए प्रार्थना की जाती है।

नई शुरुआत और लक्ष्यों की प्राप्ति: कार्तिगाई दीपम का दिन नए लक्ष्यों की शुरुआत का दिन भी माना जाता है। इस दिन परिवार के सदस्य नए प्रोजेक्ट्स या कार्यों की शुरुआत करने के लिए शांति और सामूहिक आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

संगठन और साझा समृद्धि
सामाजिक संगठनों की सक्रियता: इस दिन कुछ स्थानों पर परिवार के लोग अपने सामाजिक दायित्वों को निभाते हुए अपने गरीब या जरूरतमंद रिश्तेदारों को भोजन या उपहार भेजते हैं। यह दिन साझा समृद्धि और सामूहिक भलाई के लिए भी महत्वपूर्ण होता है।

यह सब विशेष कार्य और परंपराएं घर में शांति, समृद्धि और आनंद लाने के लिए होती हैं और इनसे न केवल आध्यात्मिक उन्नति होती है बल्कि पारिवारिक संबंधों में भी मजबूती आती है।

PunjabKesari Masik Karthigai

Related Story

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!