Edited By Niyati Bhandari,Updated: 01 Apr, 2024 08:54 AM
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ऊना (सुरेन्द्र): बेटी 3 दिन की पैदल मां चिंतपूर्णी की यात्रा पर निकली तो पिता के साथ-साथ मां का किरदार भी निभाते नजर आए मुकेश अग्निहोत्री। तेज धूप, बारिश
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ऊना (सुरेन्द्र): बेटी 3 दिन की पैदल मां चिंतपूर्णी की यात्रा पर निकली तो पिता के साथ-साथ मां का किरदार भी निभाते नजर आए मुकेश अग्निहोत्री। तेज धूप, बारिश, तूफान और व्यथित मन के बीच लगातार कदम बढ़ते रहे। बेटी को लोगों का भी खूब स्नेह मिला। जब बेटी के पैरों में छाले पड़े तो पिता मुकेश अग्निहोत्री ने यूं मरहम लगाया मानो वह मां होने का फर्ज भी अदा कर रहे हैं। कभी अग्निहोत्री बेटी आस्था को दिलासा देते नजर आए, कभी थकान मिटाने, कभी पैरों पर पड़े छालों पर मरहम लगाते और हिम्मत बढ़ाने के लिए सीने से लगाते नजर आए तो सिर को दबाकर उसके दर्द को भी कम करते नजर आए। अग्निहोत्री को पिता के रूप में दोहरी भूमिका निभानी पड़ी। कई पल मार्मिक भी आए जब बाप-बेटी भावुक भी हुए। उन्हें देखकर साथ चले लोग भी आंसू रोक नहीं पाए।
स्व. प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री की अधूरी इच्छा को पूरा करते हुए उनकी बेटी डॉ. आस्था अग्निहोत्री ने माता चिंतपूर्णी मंदिर की अपनी पदयात्रा का संकल्प पूर्ण किया। 70 किलोमीटर की यह पदयात्रा तीसरे दिन रविवार को माता चिंतपूर्णी मंदिर में दर्शन और प्रार्थना के साथ संपन्न हुई। इस मौके पर डॉ. आस्था ने अपने पिता मुकेश अग्निहोत्री के साथ अपनी मां स्वर्गीय प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री की आत्मिक शांति और सभी के लिए माता चिंतपूर्णी के आशीर्वाद की प्रार्थना की। सभी ने सिम्मी अग्निहोत्री के त्याग, समर्पण और उनके नि:स्वार्थ सेवा भाव को स्मरण कर उनकी पुण्य स्मृतियों को नमन किया। इस पदयात्रा में डॉ. आस्था और मुकेश अग्निहोत्री को जनता का अथाह प्यार और आशीर्वाद मिलता रहा। पदयात्रा जहां से भी गुजरी लोगों का हुजूम उनकी अगवानी करने के लिए उमड़ता दिखा और लोग साथ सहयोग में जुड़ते रहे और बड़ी तादाद में स्वेच्छा और स्नेहिल भाव से साथ चले लोगों का टोला भी बनता चला गया। जनता ने मां की आत्मिक शांति के लिए बेटी आस्था के जज्बे और हिम्मत की खूब सराहना की और उन्हें दिल से स्नेह भरा आशीर्वाद दिया।