mahakumb

Matsya Dwadashi: आप भी रख रहे हैं मत्स्य द्वादशी व्रत, पढ़ें पूजा विधि

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 12 Dec, 2024 06:33 AM

matsya dwadashi

Matsya Dwadashi 2024: मत्स्य द्वादशी हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, द्वादशी तिथि को मनाया जाने वाला एक विशेष व्रत है। इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार की पूजा की जाती है। यह दिन उन भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है, जो भगवान विष्णु के उपासक...

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Matsya Dwadashi 2024: मत्स्य द्वादशी हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, द्वादशी तिथि को मनाया जाने वाला एक विशेष व्रत है। इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार की पूजा की जाती है। यह दिन उन भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है, जो भगवान विष्णु के उपासक हैं। इस दिन को मत्स्य द्वादशी के नाम से जाना जाता है और यह तिथि धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जाती है।

PunjabKesari Matsya Dwadashi

Matsyavtar Story: भगवान विष्णु ने क्यों लिया मछली का अवतार, पढ़ें कथा

Importance of Matsya Dwadashi मत्स्य द्वादशी का महत्व:
भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार की पूजा: भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार के रूप में वेदों की रक्षा की थी। पौराणिक मतानुसार सृष्टि का आरंभ जल से हुआ था व वर्तमान में भी जल ही जीवन है। इस दिन श्रीहरि ने मत्स्य रूप धारण कर दैत्य वध कर वेदों की रक्षा करी थी। अतः मत्स्य द्वादशी का विशेष महत्व है। इस दिन संसार के पालनहार भगवान विष्णु की उपासना से सारे संकट दूर होते हैं, महापातक भी नष्ट होते हैं, सब कार्य सिद्ध करते है तथा जानमाल की रक्षा होती है।

पाप नाश: इस दिन व्रत करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट होते हैं और जीवन में पुण्य की वृद्धि होती है। इसे पवित्रता और पुण्यलाभ के दिन के रूप में मनाया जाता है।

व्रत का पालन: इस दिन उपासक विशेष रूप से फल और जल से उपवास रखते हैं और भगवान विष्णु के साथ-साथ उनके मत्स्य अवतार की पूजा करते हैं।

विष्णु के अन्य अवतारों का आदर: मत्स्य द्वादशी के दिन भगवान विष्णु के सभी अवतारों का स्मरण और पूजा की जाती है, ताकि भक्तों को विशेष आशीर्वाद मिल सके।

PunjabKesari Matsya Dwadashi

Method of worship of Matsya Dwadashi मत्स्य द्वादशी की पूजा विधि:
स्नान: इस दिन प्रात:काल उठकर पवित्र जल से स्नान करें।
मंत्र जाप: भगवान विष्णु के मन्त्रों जैसे "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" का जाप करें।
व्रत: इस दिन व्रत रखकर विशेष रूप से फलाहार करें।
पूजा सामग्री: भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएं, फूल चढ़ाएं और नैवेद्य अर्पित करें।
दान: इस दिन तर्पण, दान और विशेष रूप से गायों और ब्राह्मणों को भोजन देना भी महत्व रखता है।

मत्स्य द्वादशी का धार्मिक महत्व:
इसे पापों से मुक्ति पाने का एक श्रेष्ठ अवसर माना जाता है।
यह दिन विशेष रूप से धार्मिक उन्नति और आध्यात्मिक शांति के लिए महत्वपूर्ण होता है।
मत्स्य द्वादशी का उपव्रत रखने से व्यक्ति को धार्मिक और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होता है और इस दिन भगवान विष्णु के आशीर्वाद से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है।

PunjabKesari Matsya Dwadashi

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!