Edited By Sarita Thapa,Updated: 11 Jan, 2025 09:58 AM
Mahakumbh 2025 Shahi Snan: हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या का बहुत खास महत्व है। इस साल मौनी अमावस्या माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाई जाएगी। इस दिन लोग व्रत रखते हैं और पूरे दिन मौन धारण करते हैं। मौनी अमावस्या को माघी या माघ अमावस्या के...
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Mauni Amavasya: हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या का बहुत खास महत्व है। इस साल मौनी अमावस्या माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाई जाएगी। इस दिन लोग व्रत रखते हैं और पूरे दिन मौन धारण करते हैं। मौनी अमावस्या को माघी या माघ अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करने और दान करने का महत्व है। जहां प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ मेले की शुरुआत हो रही है। वहीं मौनी अमावस्या के दिन ही अमृत स्नान यानी तीसरा शाही स्नान भी होगा। तो आइए जानते हैं तीसरे शाही स्नान के बारे में-
महाकुंभ के तीसरे शाही स्नान का शुभ मुहूर्त
मौनी अमावस्या महाकुंभ का सबसे बड़ा स्नान माना जाता है। इस बार मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ का तीसरा किया जाएगा। मौनी अमावस्या का शाही स्नान भी 29 जनवरी को किया जाएगा। इस दिन स्नान का ब्रह्म मुहूर्त 5 बजकर 25 मिनट से शुरू होगा। ये मुहूर्त 6 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।
मौनी अमावस्या का महत्व
मौनी अमावस्या के दिन व्रत रखने के साथ मौन रहने का भी विशेष महत्व है। मौनी अमावस्या के दिन गंगा नदी या किसी पवित्र नदी में स्नान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इस दिन पितरों का तर्पण और पिंडदान भी करना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और पितरों का आशीर्वाद हमेशा बना रहता है। महाकुंभ और मौनी अमावस्या का संयोग धार्मिक दृष्टि से सबसे ज्यादा फल देने वाला कहा जाता है।