Edited By Niyati Bhandari,Updated: 12 Mar, 2022 07:24 AM
सूर्य हर महीने राशि परिवर्तन करता है और इसी राशि परिवर्तन के दिन को संक्रांति दिवस कहा जाता है। पूरे साल में सूर्य 12 बार राशि परिवर्तन करता है। जिस भी राशि में राशि परिवर्तन होता है उसी के नाम पर ही संक्रांति का नाम हो जाता है।
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Meen Sankranti 2022: सूर्य हर महीने राशि परिवर्तन करता है और इसी राशि परिवर्तन के दिन को संक्रांति दिवस कहा जाता है। पूरे साल में सूर्य 12 बार राशि परिवर्तन करता है। जिस भी राशि में राशि परिवर्तन होता है उसी के नाम पर ही संक्रांति का नाम हो जाता है। इस बार सूर्य 14 मार्च 2022 की मध्यरात्रि को मीन राशि में प्रवेश कर रहा है तो इस बार की संक्रांति को मीन संक्रांति के नाम से संबोधित किया गया है। संक्रांति पर पवित्र नदियां या दरियाओं में स्नान करने का विशेष महत्व होता है। इस मीन संक्रांति को ऑडीशा राज्य में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है।
2022 Meena Sankranti Punya Kaal Time: 14 मार्च 2022 को मध्यरात्रि 12 बजकर 16 मिनट पर सूर्यदेव कुम्भ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे और 14 अप्रैल 2022 की सुबह 8 बजकर 43 मिनट तक मीन राशि में ही रहेंगे। मीन संक्रांति का महापुण्यकाल 15 मार्च सुबह 6 बजकर 31 मिनट से सुबह 8 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। इस पुण्यकाल के समय हमें सूर्यदेव की उपासना, दान, स्नान इत्यादि अवश्य करना चाहिए।
सनातन विज्ञान में मीन संक्रांति का महत्व वर्णित है कि सूर्य के उत्तरायण होने से दिन को समय बढ़ जाता है और रातें छोटी होने लगती हैं। प्राकृतिक दृष्टि से भी इस दिन का विशेष महत्व होता है क्योंकि यह वह समय होता है। जब प्रकृति में नया सृजन होता है। यह समय उपासना, ध्यान और योग के लिए लाभकारी माना जाता है। इस समय प्रत्यक्ष देवता सूर्यदेव की उपासना एवं आराधना करने और अर्ध्य देने से पॉजीटिविटी बढ़ती है।
इस दौरान सभी प्रकार के मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं। इस समय नामकरण, विद्या आरम्भ, विवाह, गृह प्रवेश, वास्तु पूजन आदि सभी मांगलिक कार्यों को वर्जित माना जाता है।
Sanjay Dara Singh
AstroGem Scientist
LLB., Graduate Gemologist GIA (Gemological Institute of America), Astrology, Numerology and Vastu (SSM)