Mercury transit: 35 दिन के लिए अस्त हुए बुध, इन राशियों का होगा नुकसान

Edited By Prachi Sharma,Updated: 18 Sep, 2024 01:24 PM

आज बात करेंगे बुध की। बुध का गोचर इस समय सिंह राशि में हो रहा है। ये सिंह राशि से 23 सितंबर को अपनी उच्च राशि में चले जाएंगे। 10 अक्टूबर को तुला में और 20 अक्टूबर

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 Mercury transit: आज बात करेंगे बुध की। बुध का गोचर इस समय सिंह राशि में हो रहा है। ये सिंह राशि से 23 सितंबर को अपनी उच्च राशि में चले जाएंगे। 10 अक्टूबर को तुला में और 20 अक्टूबर तक यह अस्त रहेंगे। ये अस्त होने का समय है वह 15 सितंबर से लेकर 20 अक्टूबर यानी कि लगभग 35 दिन के लिए बुध अस्त हो जाएंगे। जब बुध अस्त हो जाते हैं और बुध आपकी राशि मिथुन राशि और कन्या राशि के स्वामी भी हैं। कुछ राशियां ऐसी हैं जिन पर इस समय बुध की दशा चल रही है उनको भी दशा नाथ के अस्त होने का वह नुकसान हो सकता है। बुध जबकन्या राशि में जाएंगे 23 फरवरी को उससे पहले ही 15 सितंबर को बुध अस्त हो जाएंगे। 6 राशियों के बुध शुभ और 6 के लिए अशुभ फल करते हैं। तो सामान्य तौर पर दूसरे, चौथे, छठे, आठवें, 10वें और 11वें भाव में बुध का गोचर अच्छा होता है।  

मेष राशि: मेष राशि के लिए बुध वह दो राशियों, दो घरों के स्वामी हैं। एक तीसरे भाव के स्वामी है जहां पर मिथुन राशि आ जाती है और एक छठे भाव के स्वामी है जहां पर कन्या राशि आ जाती है तो गोचर तो शुभ होगा लेकिन यहां पर बुध के शुभ फल आपको नहीं मिल पाएंगे। बुध अस्त हो जाएंगे अस्त होने की स्थिति में आपको मेहनत ज्यादा करनी पड़ेगी। यदि आपकी राशि मेष है और बुध की दशा चल रही है तो आपको पराक्रम के बारे में थोड़ा सा ज्यादा जोर लगाना पड़े। किसी भी चीज के लिए वहां पर मेहनत ज्यादा करनी पड़ेगी। छठा भाव रोग, ऋण, शत्रु का भाव होता है जहां से बुध गोचर करेंगे। यह बुध का अपना ही भाव होता है। जो स्टूडेंट जिन्होंने कंपटीशन एग्जाम्स के लिए जाना है उनके लिए थोड़ा सा उनको ज्यादा एक्स्ट्राऑर्डिनरी एफर्ट करना पड़ेगा। यहां पर बुध अस्थ होकर वह आपको फल नहीं दे पाएंगे जो बुध सामान्य स्थिति में करते हैं। तो यहां पर मेष राशि के जातकों के लिए थोड़ा सा पराक्रम में कमी आ सकती है और आपको कंपटीशन एग्जाम में थोड़ा सा जोर ज्यादा लगाना पड़ सकता है। कोर्ट के केस में उलझन का सामना करना पड़ सकता है। यह कर्ज का  भाव है ऐसी स्थिति में किसी को पैसा मत दीजिए। पैसा किसी को देंगे तो वह पैसा आपका फस सकता है।

मिथुन राशि: मिथुन राशि के स्वामी खुद बुध बनते हैं। मिथुन राशि के लिए बुध चौथे भाव के भी स्वामी हो जाते हैं। चौथा भाव आपका सुख स्थान होता है। आपके राशि का स्वामी का अस्थ होना थोड़ा सा आप में उत्साह की कमी ला सकता है। हालांकि आप काम करते रहेंगे और काम में कोई दिक्कत नहीं है। वैसे तो बुध का गोचर आपके लिए पॉजिटिव होगा। बुध दशम को देखेंगे कार्यस्थल के ऊपर आपका प्रभाव बढ़ाने का काम करेंगे लेकिन चूंकि बुध अस्त हो गए हैं।

सिंह राशि: सिंह राशि के लिए बुध इसलिए खराब हो जाएंगे क्योंकि बुध धन भाव में अस्त होंगे। सिंह राशि के जातकों के लिए बुध आय स्थान के भी स्वामी बनते हैं क्योंकि 11वें भाव में मिथुन राशि आ जाती है और दूसरे भाव में बुध की कन्या राशि आ जाती है। धन की हानि करने का चांस बढ़ सकता है। यहां पर हो सकता है कि धन की हानि हो जाए। इसका मतलब यह है कि खर्चे आपके ओवर साइड पर जा सकते हैं जिससे आपका धन थोड़ा सा कम हो सकता है।  बुध बुद्धि के कारक ग्रह है। बुद्धि के कारक ग्रह का अस्त होना आपका गुस्सा बढ़ सकता है। इस चीज से सिंह राशि के जातकों को बचना पड़ेगा बाकी ड्राइविंग थोड़ी सी स्लो करिए। सिंह राशि के जातक जिनकी उम्र 30 से 40 के बीच है वो मंगल की महादशा से ही गुजर रहे हैं। लिहाजा वहां पर उनको थोड़ा सा वैसे भी गाड़ी चलाते वक्त सावधानी की जरूरत है।

तुला राशि: तुला राशि के जातकों के लिए बुध 12वें भाव में गोचर करेंगे। 12वें भाव में बुद्ध का अस्त हो जाना खर्चों में वृद्धि करने का काम करेगा। यहां पर आपको अपने खर्चे कंट्रोल करके चलने चाहिए। अगले 35 दिन खर्चों वाली स्थिति ज्यादा बढ़ सकती है। आपको हॉस्पिटल का चक्कर लगाना पड़ सकता है। खान-पान का खास ध्यान रखें। बुध जब 12 बैठेंगे तो छठे को भी एक्टिव करेंगे। 12वें भाव में बुध बैठे हैं और अस्त स्थिति में है इसलिए आपको थोड़ा सा इसका नुकसान हो सकता है। अपनी हेल्थ का जरूर ध्यान रखिए।

धनु राशि: धनु राशि के जातकों को थोड़ा सा अपने काम को लेकर दिक्कत का सामना करना पड़ेगा। यहां पर बुध का गोचर दशम भाव में होगा। दशम भाव आपके कर्म का भाव होता है, आपका कारोबार होता है। दसवें में आकर बुध का अस्त हो जाना अपनी ही राशि में अस्त हो जाना शुभ नहीं है। अगले 35 दिन के दौरान यदि आप ट्रेडिंग करते हैं तो थोड़ा सा चीजें देख-परख के लीजिए। सामने वाले को पैसा उधार मत दीजिए नहीं तो हो सकता है कि पैसा आपका वहां पर फस जाए। कार्यस्थल पर भी आपके खिलाफ हो सकता है।

कुंभ राशि: कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध पंचम के स्वामी बनते हैं और अष्टम के स्वामी बनते हैं। आपकी कन्या राशि तो यहां पर बुध अष्टम में ही अस्त अस्त हो रहे हैं। अष्टम सडन लॉस का भाव है, अष्टम एक्सीडेंट का भाव है। बुध आपको अच्छे फल नहीं दे पाएंगे। धन की हानि यहां पर हो सकती है। संतान पक्ष से आपको अच्छी खबर जो एक्सपेक्टेड थी इस समय वो हो सकता है कि आपको कहीं न कहीं संतान पक्ष से निराशा मिले।

नरेश कुमार
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