mahakumb

प्रेरक प्रसंग: परम पिता परमेश्वर को ही मानना चाहिए सर्वोपरि

Edited By Jyoti,Updated: 04 Sep, 2020 04:05 PM

motivational and inspirational concept of swami dayanand

स्वामी दयानंद सरस्वती लाहौर में वैदिक धर्म का प्रचार कर रहे थे। एक दिन वे आर्य समाज के सत्संग समारोह में पधारे

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
स्वामी दयानंद सरस्वती लाहौर में वैदिक धर्म का प्रचार कर रहे थे। एक दिन वे आर्य समाज के सत्संग समारोह में पधारे। उनके पहुंचते ही प्रार्थना-उपासना में लीन आर्यजनों ने श्रद्धापूर्वक उठकर उनका अभिनंदन किया। उनके बैठते ही प्रार्थना-उपासना का कार्यक्रम फिर शुरू हो गया।
PunjabKesari, Swami Dayanand, Swami Dayanand Concept, Swami Dayanand speech, Swami Dayanand teachings, Dharmik Katha, Motivational Concept, Motivational Theme, Punjab Kesari, Dharm
प्रार्थना-उपासना के बाद स्वामी जी ने अपने प्रवचन में कहा, ‘‘जब हम प्रभु की उपासना में लीन होते हैं तब किसी भी व्यक्ति को देखकर उपासना छोड़कर उठना नहीं चाहिए। मैं सर्वशक्तिमान प्रभु से बड़ा नहीं हूं कि आप लोगों ने उठकर मेरा अभिनंदन किया। भविष्य में प्रभु के स्मरण में लीन होने के बाद इस प्रकार स्वागत के लिए नहीं उठना।’’
PunjabKesari, Swami Dayanand, Swami Dayanand Concept, Swami Dayanand speech, Swami Dayanand teachings, Dharmik Katha, Motivational Concept, Motivational Theme, Punjab Kesari, Dharm
सभी आर्यजन उनकी विनम्रता देखकर गद्गद् हो उठे। स्वामी जी ने उन्हें समझाया, ‘परम पिता परमेश्वर को ही सर्वोपरि मानना चाहिए। मानव तो परमेश्वर का अंशमात्र है।’ -शिव कुमार गोयल

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!