Edited By Jyoti,Updated: 07 Sep, 2021 11:31 AM
एक बार एक चित्रकार नेपोलियन से मिलने गया, नेपोलियन ने उस चित्रकार को मैले-कुचैले कपड़े पहने देखकर उसका आदर नहीं किया। उसे दूर एक ओर बैठने का आदेश दिया। थोड़ी देर बाद उस
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
एक बार एक चित्रकार नेपोलियन से मिलने गया, नेपोलियन ने उस चित्रकार को मैले-कुचैले कपड़े पहने देखकर उसका आदर नहीं किया। उसे दूर एक ओर बैठने का आदेश दिया। थोड़ी देर बाद उस चित्रकार ने नेपोलियन से उनका एक चित्र बनवाने का आग्रह किया। नेपोलियन उसके द्वारा बनाए गए चित्र को देखकर आश्चर्य चकित रह गया।
थोड़ी देर बाद जब वह चित्रकार जाने लगा तो नेपोलियन ने स्वयं उठकर उससे हाथ मिलाया। साथ ही उसे आदर से दरवाजे तक छोड़ने भी गया। इस प्रकार का आदर-सत्कार पाकर चित्रकार को बहुत आश्चर्य हुआ।
उसने डरते हुए नेपोलियन से पूछा, ‘‘जब मैं यहां आया था तब तो आपने मुझे अपने पास बैठने तक नहीं दिया और जाते समय मुझे दरवाजे तक छोड़ने आए। इसका क्या कारण है?’’
नेपोलियन ने मुस्कुराते हुए कहा कि आते समय जो आदर किया जाता है, वह मनुष्य की पोशाक देखकर लेकिन जाते समय आदर किया जाता है, उसके सद्गुणों को पहचान कर, इसलिए मैंने ऐसा किया। चित्रकार यह उत्तर पाकर व नेपोलियन की विद्वता देखकर भाव-विभोर हो गया।