Edited By Prachi Sharma,Updated: 04 Feb, 2024 07:58 AM
![motivational story](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_2image_07_55_590125859katha-ll.jpg)
बालक युनेज-सैंडो अत्यंत दुर्बल था। अपनी बुरी आदतों के कारण उसने बचपन में ही अपना स्वास्थ्य खराब कर लिया। एक दिन सैंडो अपने पिता के साथ अजायबघर
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Motivational Story: बालक युनेज-सैंडो अत्यंत दुर्बल था। अपनी बुरी आदतों के कारण उसने बचपन में ही अपना स्वास्थ्य खराब कर लिया। एक दिन सैंडो अपने पिता के साथ अजायबघर देखने गया। रोम की गैलरी में उसने प्राचीन काल के बलिष्ठ पुरुषों की मूर्तियां देखीं। उसे विश्वास न हुआ कि ऐसी मांसल भुजाओं वाले स्वस्थ और बलवान लोग भी इस संसार में हो सकते हैं। सैंडो इन प्रतिमाओं को देखकर प्रभावित हुआ।
उसने पिता से पूछा “पिता जी ये प्रतिमाएं काल्पनिक हैं, अथवा ऐसा स्वास्थ्य कभी संभव हो सकता है ?”
![PunjabKesari Motivational Story](https://static.punjabkesari.in/multimedia/07_57_2929647183.webp)
पिता ने बड़े आत्मविश्वास के साथ कहा, “हां, संसार में संभव क्या नहीं है, यदि तुम भी नियमित व्यायाम और परिश्रम करो, संयमी बन सको तो ऐसा स्वास्थ्य जरूर प्राप्त कर सकते हो।”
![PunjabKesari Motivational Story](https://static.punjabkesari.in/multimedia/07_57_2909382451.jpg)
बात सैंडो के मन में बैठ गई। पिछली खराब जिंदगी का चोला उसने उतार फैंका और नियमपूर्वक व्यायाम एवं कठोर श्रम करना आरंभ कर दिया। फलस्वरूप वह एक प्रख्यात बलवान बना। उसने व्यायाम की अनेक विधाओं की भी खोज की जिन्हें सैंडों की कलाएं कहा जाता है। सच है कि दृढ़ आत्मविश्वास और कठिन परिश्रम के बल पर कुछ भी हासिल किया जा सकता है।
![PunjabKesari Motivational Story](https://static.punjabkesari.in/multimedia/07_57_2918707012.jpg)