Edited By Prachi Sharma,Updated: 14 Jul, 2024 07:51 AM
फिलीपींस का एक इंजीनियर एक महत्वपूर्ण बांध बनवाने में जुटा हुआ था। बांध का जल्दी से जल्दी बनना जरूरी था, इसलिए इंजीनियर अपनी परवाह न करते हुए स्वयं भी मजदूरों के साथ लगा
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
फिलीपींस का एक इंजीनियर एक महत्वपूर्ण बांध बनवाने में जुटा हुआ था। बांध का जल्दी से जल्दी बनना जरूरी था, इसलिए इंजीनियर अपनी परवाह न करते हुए स्वयं भी मजदूरों के साथ लगा हुआ था। उन दिनों फिलीपींस के राष्ट्रपति रेमन मैग्सेसे थे।
एक दिन वे बांध का काम देखने गए और यह जानकर आर्श्यचकित रह गए कि बांध को जितने समय में बनना था वह उससे कम समय में और अनुमान से कहीं अच्छा बना था। उन्होंने जब इसका कारण जानने की कोशिश की तो पाया कि वहां का इंजीनियर स्वयं मजदूरों के साथ मिलकर काम करता था। वे वहां का अवलोकन कर प्रसन्न मन से वापस आ गए।
जब बांध के उद्घाटन का समय आया तो मैग्सेसे ने सभी कर्मचारियों को वहां बुलाया और उन्हें संबोधित करते हुए कहा, “मैं इस बांध को शीघ्रता से और इतने अच्छे तरीके से पूर्ण कराने वाले इंजीनियर के मनोबल, निष्ठा और ईमानदारी से बहुत प्रसन्न हूं और मुझे लगता है कि उनकी योग्यता एक इंजीनियर के कार्य से कहीं ज्यादा है। इसलिए मैं उन्हें आज से निर्माण विभाग का सचिव बनाता हूं।”
राष्ट्रपति की घोषणा सुनकर इंजीनियर हैरान हो गया। लेकिन सभी लोगों ने तालियां बजाकर इस घोषणा का स्वागत किया। इसके बाद मैग्सेसे ने बांध बनवाने में लगे मजदूरों को भी सम्मान दिया और बोले, “हमारे देश को ऐसे ही ईमानदार व निष्ठावान व्यक्तियों की जरूरत है जो प्रत्येक कार्य को मन और समर्पण से पूर्ण करते हैं।”
घोषणा सुनकर इंजीनियर बोला, “मुझे काम करते समय सिर्फ यह याद रहता है कि जो कार्य मुझे सौंपा गया है या मुझे करना है वह हर हालत में सर्वश्रेष्ठ होना चाहिए क्योंकि वह सर्वश्रेष्ठ होगा तभी हमारे लिए प्रगति के द्वार खोलेगा और मेरे इसी संकल्प ने आज मुझे यहां तक पहुंचाया है।”
इंजीनियर का वक्तव्य सुनकर सभी लोगों ने एक बार फिर करतल ध्वनियों से उससे सहमति जताई।