Edited By Niyati Bhandari,Updated: 10 Aug, 2023 09:07 AM
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रोटी, कपड़ा और मकान के साथ जीवन में हास्य भी जरूरी है। इतना ही नहीं, जितना हंसना जरूरी है, उतना ही रोना भी जरूरी है। आखिर हंस कर या रोकर ही तो दिल
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रोना भी जरूरी है
रोटी, कपड़ा और मकान के साथ जीवन में हास्य भी जरूरी है। इतना ही नहीं, जितना हंसना जरूरी है, उतना ही रोना भी जरूरी है। आखिर हंस कर या रोकर ही तो दिल हल्का होता है मगर दुर्भाग्य यह है कि आज हमने हंसना और रोना दोनों ही बंद कर दिए हैं। परिणाम यह हुआ कि जिंदगी में तनाव इतना अधिक बढ़ गया है कि ‘स्थिति तनावपूर्ण मगर नियंत्रण में है’ जैसी हो गई है। जीवन की खुशहाली और देश की भलाई के लिए हंसते रहिए, हंसाते रहिए और हां, रोने में शर्म कैसी?
![PunjabKesari Muni Shri Tarun Sagar](https://static.punjabkesari.in/multimedia/08_54_310826595tarun-sager3.jpg)
यह प्रार्थना करो
मैं हर रोज एक प्रार्थना करता हूं और चाहता हूं कि तुम भी यह प्रार्थना जरूर करो। मैं प्रार्थना करता हूं कि हे प्रभु ! दुनिया में हर रोज एक ऐसा आदमी जरूर पैदा हो, जिसमें महावीर-बुद्ध जैसा संकल्प हो, राम-कृष्ण जैसा गौरव हो, कबीर जैसी साधना हो, गांधी तथा विवेकानंद जैसी सरलता हो और हां, दुनिया में हर रोज एक ऐसा आदमी जरूर मरे, जिसे महावीर जैसी मृत्यु उपलब्ध हो, जिसकी मृत्यु लोगों के लिए दीवाली का उत्सव बन जाए, ‘महावीर निर्वाण महोत्सव’ बन जाए।
![PunjabKesari Muni Shri Tarun Sagar](https://static.punjabkesari.in/multimedia/08_54_264575848tarun-sagar2.jpg)
जमीन-आसमान
अहंकार व्यर्थ है। अहंकार किस बात का ? यहां सभी तो क्षण भंगुर हैं। आसमान को देखो तो सोचना कि हम कभी आसमान से ऊपर नहीं उठ सकते और जमीन को देखो तो सोचना कि हमें एक दिन इसी मिट्टी में मिलना है। पर सच्चाई तो यह है कि जीवन मिट जाता है परन्तु मनुष्य की इच्छाएं नहीं मिटतीं। इच्छाएं अनंत हैं, आकाश की तरह, असीम हैं। इच्छाओं को नहीं, ‘इच्छा शक्ति’ को बढ़ाओ।
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