Edited By Niyati Bhandari,Updated: 08 Jun, 2024 07:44 AM
मनुष्य अद्भुत है
मनुष्य एक संभावना है। वह नीचे गिरकर पशु भी बन सकता है और ऊपर उठकर देव भी। देव हमेशा देव ही रहता है और पशु हमेशा पशु।
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मनुष्य अद्भुत है
मनुष्य एक संभावना है। वह नीचे गिरकर पशु भी बन सकता है और ऊपर उठकर देव भी। देव हमेशा देव ही रहता है और पशु हमेशा पशु। पर इंसान सच्चाई के रास्ते पर चले तो ‘गॉड’ बन जाता है और बुराई के रास्ते पर चले तो ‘डॉग’। मनुष्य अद्भुत है। वह नर से नारायण और नर से नारकी बन सकता है। अच्छी करनी करे तो राम की तरह पूजा जाता है और बुरी करे तो रावण की तरह फूंका।
बुढ़ापे में सुख
बुजुर्गों से : अगर आप चाहते हैं कि आपका बुढ़ापा सुख से कट जाए तो मेरी चार बातें याद रखें। पहली 60 साल के हो जाओ तो सत्ता का सुख छोड़ दो, पारिवारिक सिर पच्चियों से मुख मोड़ लो। दूसरी, कम बोलें, काम का बोलें, मुख खोलें तो केवल प्रशंसात्मक शब्द बोले। तीसरी, अनावश्यक टोकाटाकी न करें। इससे आपकी उपेक्षा बढ़ेगी और अपेक्षा घटेगी। चौथी, चूंकि आप दादा तो बन ही गए हैं, अत: दादागिरी करना छोड़ दें।
मुस्कुराओ
मुस्कुराओ, क्योंकि जिंदा आदमी ही मुस्कुराता है। मुर्दा कभी नहीं मुस्कुराता। मुस्कराओ क्योंकि मुस्कराता हुआ बुड्ढा भी अच्छा लगता है और रोता हुआ बच्चा भी बुरा लगता है। मुस्कुराओ क्योंकि आदमी स्मार्ट मोबाइल से नहीं, स्माइल से बनता है। मुस्कुराओ क्योंकि मुस्कुराहट का कोई साइड इफैक्ट नहीं होता।
मुस्कुराओ क्योंकि जब पांच सैकेंड मुस्कुराते हैं तो फोटो सुंदर आती है हर वक्त मुस्कुराने लगो तो जीवन सत्यं-शिवं-सुंदरं बन जाएगा।
सावधान! आपका एक मिनट का गुस्सा पूरा भविष्य बिगाड़ सकता है। क्रोध में कोई आग बने तो आप पानी बन जाइए। वह थोड़ी देर फूं-फां करके खुद-ब-खुद ढीला पड़ जाएगा।
एक मिनट का गुस्सा
क्रोध अपेक्षा की उपेक्षा होने पर आता है। किसी से अपेक्षा मत रखिए। अगर पत्नी कभी गुस्से में आकर पति को ‘जानवर’ कह दे तो बुरा नहीं मानना, बल्कि उससे कहना तू मेरी ‘जान’ और मैं तेरा ‘वर’। दोनों मिलकर बन गए ‘जानवर’।