Edited By Niyati Bhandari,Updated: 08 Apr, 2025 03:00 PM
यदि आप सास हैं
अगर आप सास हैं और अपने परिवार में सुख-शांति चाहती हैं तो मेरी चार बातें ध्यान में रखिए। पहली बात - बहू और बेटी में फर्क मत डालिए, बहू को ही बेटी मानिए। दूसरी बात- कभी बहू से झगड़ा हो जाए तो
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यदि आप सास हैं
अगर आप सास हैं और अपने परिवार में सुख-शांति चाहती हैं तो मेरी चार बातें ध्यान में रखिए। पहली बात - बहू और बेटी में फर्क मत डालिए, बहू को ही बेटी मानिए। दूसरी बात- कभी बहू से झगड़ा हो जाए तो बहू के पीहर वालों को भला-बुरा मत कहिए। इसे बहू बर्दाश्त नहीं करेगी। तीसरी बात- मंदिर में बैठकर बहू की बुराई मत करिए। इससे सुलह के सारे दरवाजे बंद हो जाएंगे। चौथी बात- हमेशा ध्यान रखिए कि बहू की चाहत क्या होती है, ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी।’
बोलचाल बंद न करना
भले ही लड़-झगड़ लेना, पिट जाना, पीट देना, मगर बोलचाल बंद मत करना क्योंकि बोलचाल के बंद होते ही सुलह के सारे दरवाजे बंद हो जाते हैं। गुस्सा बुरा नहीं है। गुस्से के बाद आदमी जो वैर पाल लेता है वह बुरा होता है। गुस्सा तो बच्चे भी करते हैं, मगर बच्चे वैर नहीं पालते। वे इधर लड़ते-झगड़ते हैं और उधर अगले ही क्षण फिर से एक हो जाते हैं। कितना अच्छा रहे कि हर कोई बच्चा ही रहे।
सब कुछ अमानत
दुनिया में तुम्हारा अपना कुछ नहीं है। जो कुछ भी तुम्हारा है, तुम्हारे पास है, वह बतौर अमानत है। बेटा है तो वह बहू की अमानत है। शरीर श्मशान की और जिंदगी मौत की अमानत है। तुम देखना एक दिन बेटा बहू का हो जाएगा, बेटी को दामाद ले जाएगा, शरीर श्मशान की राख में मिल जाएगा और जिंदगी मौत से हार जाएगी। तो अमानत को अमानत समझकर ही उसकी सार-संभाल करना, उस पर मल्कियत का ठप्पा मत लगा देना।
झूठ महंगा पड़ेगा
डाक्टर और गुरु के सामने झूठ मत बोलिए, क्योंकि यह झूठ बहुत महंगा पड़ सकता है। गुरु के सामने झूठ बोलने से पाप का प्रायश्चित और डाक्टर के सामने झूठ बोलने से रोग का निदान नहीं होगा। डाक्टर और गुरु के सामने एकदम सरल और तरल बनकर पेश हों। आप कितने ही होशियार क्यों न हों, तो भी डाक्टर और गुरु के सामने अपनी होशियारी मत दिखाइए, क्योंकि यहां होशियारी बिल्कुल भी काम नहीं आती।