Edited By Niyati Bhandari,Updated: 07 Aug, 2024 04:12 AM
नाग पंचमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो श्रावण माह की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। नाग प्रकृति के महत्वपूर्ण अंग होते हैं और उनकी पूजा करने से प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने की भावना को
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Nag Panchami 2024: नाग पंचमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो श्रावण माह की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। नाग प्रकृति के महत्वपूर्ण अंग होते हैं और उनकी पूजा करने से प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने की भावना को बढ़ावा मिलता है। यह त्योहार सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं को संरक्षित करने का एक अवसर है, जिसमें लोग धार्मिक रीतियों का पालन करते हैं और एकजुट होते हैं। इस दिन परिवार के साथ मिलकर पूजा करना और पारंपरिक अनुष्ठान करना पारिवारिक एकता और धार्मिक कर्तव्यों को सुदृढ़ करता है।
उत्सव प्रियता भारतीय जीवन एवं संस्कृति की प्रमुख विशेषता है यहां न केवल नर से बने नारायण की पूजा होती है अपितु उसके अन्य स्वजनों वनस्पति, पहाड़, नदियां, जलचर अथवा थलचर जो भी हों, उनकी भी श्रद्धा एवं धार्मिक दृष्टिकोण से पूजा अर्चना होती है। गाय की पूजा भगवान श्री कृष्ण के कारण, बैल को शंकर भोले बाबा का वाहन होने के कारण, नाग की भोले फक्कड़ बाबा के परम श्रृंगार के कारण पूजा होती है। श्रावण मास की शुक्ल पक्ष में आने वाली पंचमी को नागपंचमी कहते हैं। इस दिन नागों की पूजा की जाती है तथा नागों का दर्शन करना शुभ माना जाता है। मानव सभ्यता में इन्हें सूर्य तथा शक्ति का अवतार माना जाता है।
What not to do on Nag Panchami नाग पंचमी के दिन क्या न करें
नाग पंचमी के दिन पृथ्वी को खोदने का काम वर्जित माना गया है। प्राचीन ग्रंथकारों के अनुसार वर्षा ऋतु में सांपों के निकलने का समय होता है। भोले नाथ भंडारी महाशिवरात्रि के दिन अपनी झोली से विषैले जीवों को भूमि पर विचरण हेतु छोड़ देते हैं तथा जन्माष्टमी के दिन पुन: अपनी झोली में समेट लेते हैं। वर्षा ऋतु में नागों के बिलों में पानी भर जाने के कारण वे बाहर आ जाते हैं। इसी कारण प्रत्यक्ष नाग पूजन का समय नागपंचमी का दिन विशेष महत्व रखता है। इस मास में भूमि पर हल नहीं चलाना चाहिए। मकान बनाने के लिए नींव भी नहीं खोदनी चाहिए।
What to do on Nag Panchami नाग पंचमी के दिन क्या करें
सेवियों का प्रसाद नागों को अर्पित करें। आटे का प्रतीक स्वरूप नाग बनाकर उसका पूजन किया जाता है। नाग पंचमी के दिन चांदी के सर्प-सर्पिणी के जोड़े के ऊपर नवग्रह पूजन, कालसर्प पूजन व राहु केतु का पूजन करने से कालसर्प दोष का भय समाप्त हो जाता है। इस दिन किसी सपेरे से नाग खरीदकर उसे खुले जंगल में छोड़ने से शांति मिलती है। नाग पंचमी के दिन दूध, कुशा, गंध, फूल और लड्डुओं से निम्न मंत्र पढ़ कर स्तुति करें।
Nag Panchami mantra नाग पंचमी मंत्र- ऊँ कुरुकुल्ये हुं फट् स्वाहा
नाग पूजन में चंदन की लकड़ी का प्रयोग अवश्य करें। उन्हें चंदन की सुगंध अति प्रिय है। नाग पूजा से कभी सर्प के काटने का भय नहीं रहता। कुल में कभी सर्प दंश से मृत्यु नहीं होती।