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51 शक्तिपीठों में से एक है मां नैना का दरबार, यहां गिरे थे देवी सती के नैत्र

Edited By Jyoti,Updated: 08 Mar, 2022 02:14 PM

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हिमाचल प्रदेश की भूमि पर कई ऐसे धार्मिक स्थल व मंदिर हैं, जिस कारण यहां की भूमि को बेहद खास व पावन माना जाता है। इन्हीं में से है एक है हिमाचल प्रदेश के बिलासुर में स्थित नैना देवी मंदिर, जिसका यहां धरती को पावन करने में  भरपूर योगदान है।

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हिमाचल प्रदेश की भूमि पर कई ऐसे धार्मिक स्थल व मंदिर हैं, जिस कारण यहां की भूमि को बेहद खास व पावन माना जाता है। इन्हीं में से है एक है हिमाचल प्रदेश के बिलासुर में स्थित नैना देवी मंदिर, जिसका यहां धरती को पावन करने में  भरपूर योगदान है। धार्मिक व प्रचलित कथाओं व मान्यताओं के अनुसार हिमाचल में स्थित नैना देवी मंदिर देवी के उन्हीं 51 शक्तिपीठों में से एक जहां देवी सती के अंग गिरे थे। बताया जाता है कि नैना देवी मंदिर में माता सती के नैन गिरे थे, जिस कारण इसे नैना देवी मंदिर के नाम से जाना जाता है। 
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माता का ये मंदिर भारत के ऐतिहासिक प्राचीन मंदिरों की श्रेणी में शामिल है। इस पवित्र मंदिर में वर्ष भर तीर्थयात्रियों और भक्तों का मेला लगा रहता है, खासकर नवरात्रों में यहां खूब रौनक लगी रहती है। यहां चैत्र, श्रवण और अश्विन नवरात्रों में यहां हर साल मैला लगता है। इतना ही नहीं पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और देश के अन्य जगहों से यहां लाखों भक्त दर्शनों के लिए पहुंचते हैं। 
PunjabKesari, Naina Devi Temple History, Maa Naina Devi, Naina Devi Mata Temple, Naina Devi Fair, Where is Naina Devi Temple, History of Naina Devi Temple in hindi, How To Reach Naina Devi Temple, Bilaspur, Himanchal pradeshइसके अलावा क्या है इस मंदिर से जुड़ी धार्मिक व पौराणिक कथा, आइए जानते हैं-
पौराणिक कथाओं के अनुसार देवी सती ने उनके पिता द्वारा किए यज्ञ कुण्ड में अपने प्राण त्याग दिए थे। उस समय भगवान शंकर सती के मृत शरीर को लेकर पूरे ब्रह्मांड के चक्कर लगा रहे थे। तभी उन्हें ऐसा करता देख भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर को 51 भागों में विभाजित कर दिया था। जिससे उनके अंग अलग-अलग जगहों पर गिरे। बताया जाता है तब इस स्थान पर माता के नैन गिरे थे जहां वर्तमान समय में नैना देवी मंदिर मौजूद है। 
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मंदिर के मुख्य द्वार पर दाएं ओर भगवान गणेश और हनुमान जी की मूर्ति है, जो यहां आने वाले हर श्रद्धालु का मन मोह लेती है।  मुख्य द्वार पार करने के पश्चात दो शेरों की प्रतिमाएं दिखाई देती हैं, जो अपने आप में ही आकर्षण का एक केंद्र हैं। इसके अलावा नैना देवी मंदिर परिसर के अंदर बहुत से अन्य खूबसूरत और पवित्र स्थान है, जिसे देखकर मन को बेहद शांति और सकून मिला है।
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