mahakumb

इस मंदिर में है मां बगलामुखी की स्वयंभू प्रतिमा, महाभारत से जुड़ा है रहस्य

Edited By Jyoti,Updated: 01 Oct, 2019 02:26 PM

nalkheda baglamukhi temple in hindi

नवरात्रि शुरू होते ही देश भर के शक्तिपीठों पर श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ देखने को मिलती है। हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
नवरात्रि शुरू होते ही देश भर के शक्तिपीठों पर श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ देखने को मिलती है। हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है आश्विन मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से आरंभ होने वाले शारदीय नवरात्रों में देवी दुर्गा से जो भी मांग लिया जाए वो निश्चित ही प्राप्त होता है। इसी के चलते लगभग लोग इस दौरान देवी की कृपा पाने के लिए विभिन्न मंदिरों व शक्तिपीठ में जाते हैं। नवरात्रि के इस खास मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं मां बगलामुखी के एक अत्यंत प्राचीन व प्रसिद्ध मंदिर है।  
PunjabKesari, Punjab kesari, Dharam, मां बगलामुखी, नलखेड़ा बगलामुखी मंदिर, Nalkheda baglamukhiTemple, Navratri 2019, शारदीय नवरात्रि, नवरात्रि 2019, shardiya navratri 2019
हम बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश आगर के मालवा जिले में स्थित नलखेड़ा नगर में स्थित बगलामुखी मंदिर की। कहा जाता है आगर के नलखेाड़ा नगर का धार्मिक दृष्टि से बड़ा महत्व है। तांत्रिक साधना के लिए प्रसिद्ध उज्जैन नगर के बाद नलखेड़ा नगर के मां बगलामुखी मंदिर का नाम आता है। पंजाब केसरी के जाफर हुसैन की रिपोर्ट के अनुसार मां बगलामुखी का ये अति प्राकृतिक स्थल रमणीक स्थल के नाम से भी जाना जाता है। मां बगलामुखी के दर्शन के लिए यहां हज़ारों की संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु यहां आकर मां के दर्शन कर लाभान्वित होते हैं। यहां के लोगों का कहना है कि सच्चे मन से मां की आराधना की जाए तो उसकी समस्त मनोकामना पूर्ण होती हैं।
PunjabKesari, Punjab kesari, Dharam, मां बगलामुखी, नलखेड़ा बगलामुखी मंदिर, Nalkheda baglamukhiTemple, Navratri 2019, शारदीय नवरात्रि, नवरात्रि 2019, shardiya navratri 2019
मान्यता है मां बगलामुखी मंदिर में स्थापित देवी की प्रतिमा और पूर्व दिशा में महाभारत काल का प्रसिद्ध श्री बल्डावदा वाले हनुमान मंदिर में स्थापित मूर्ति महाभारत काल की है। वृंदावन से आए श्री राम जी बाबा कोकिल ने पत्रकारों को बताया कि महाभारत काल में मूर्ति नाभि के ऊपर वाली प्रतिष्ठित की जाति थी। यहां जो प्रतिमा है वह भी नाभी से ऊपर वाली विराजित है। नगर के मध्य पंचमुखी हनुमान और प्रसिद्ध श्री खेड़ापति हनुमान जी तथा श्री चामुंडा माता विराजमान है। नगर से बाहर निकलते ही विघ्न विनाशक मंगल मूर्ति भगवान श्री गणेश जी महाराज की विशाल प्रतिमा विराजमान हैं, जो अति प्राचीन। इसके अलावा उत्तर पश्चिम में लक्ष्मणा नदी जो कि वर्तमान में लखुंदर नदी के नाम से प्रसिद्ध है के तट पर सिद्धपीठ मां पीतांबरा बगलामुखी मंदिर है, जो सदा भवानी दाहिनी सन्मुख होता है।
PunjabKesari, Punjab kesari, Dharam, मां बगलामुखी, नलखेड़ा बगलामुखी मंदिर, Nalkheda baglamukhiTemple, Navratri 2019, शारदीय नवरात्रि, नवरात्रि 2019, shardiya navratri 2019
बता दें ये यह मंंदिर तीन मुखों वाली त्रिशक्ति बगलामुखी देवी को समर्पित है। मान्यता है कि द्वापर युग से चला आ रहा यह मंदिर अत्यंत चमत्कारिक है जहां विभिन्न राज्यों से तथा स्थानीय लोग भी एवं शैव और शाक्त मार्गी साधु-संत तांत्रिक अनुष्ठान के लिए आते रहते हैं। कहते हैं कि इस मंदिर की स्थापना महाभारत में विजय के उद्देश्य से  भगवान कृष्ण की सलाह पर युधिष्ठिर ने की थी। लोक मान्यताओं के अनुसार इस चमत्कारी मंदिर में स्थापित बगलामुखी प्रतिमा स्वयंभू है। आपकी जानकारी के लिए बता दें पूरे विश्व में मां बगलमुखी के केवल तीन ही महत्वपूर्ण प्राचीन मंदिर हैं, जिन्हें सिद्धपीठ कहा जाता है। नलखेड़ा नगर का ये मंदिर उन्हीं से एक माना जाता है।
PunjabKesari

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!