अगर आप भी अपनी राशि को लेकर हैं Confuse यहां जानें, इसे पता करने का सही तरीका

Edited By Prachi Sharma,Updated: 28 Sep, 2024 11:57 AM

नॉलेज यानी जानकारी यह एक ऐसा टूल होता है। अगर आपके पास है तो फिर आपको अन्य किसी चीज की आवश्यकता नहीं होती है। आज बात करेंगे कि अगर आपको अपनी राशि

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

नॉलेज यानी जानकारी यह एक ऐसा टूल होता है। अगर आपके पास है तो फिर आपको अन्य किसी चीज की आवश्यकता नहीं होती है। आज बात करेंगे कि अगर आपको अपनी राशि नहीं पता है तो कैसे पहचानें ?

जन्म कुंडली से कैसे पहचाने कि आपका लग्न कौन सा है और जानें की आपकी राशि कौन सी है। कई लोग समझते हैं कि जो उनका सनसाइन है, वहीं उनकी राशि है लेकिन यह गलत है। अगर आपके पास गलत जानकारी है, तो यह कई बार बहुत घातक हो जाती है। तो आइए जानते हैं कि लग्न, राशियों और सन साइन क्या होते हैं और इसके अलावा इनका जीवन में प्रभाव क्या होता है।

PunjabKesari Name Astrology

बर्थ चार्ट में हर ग्रह के आगे कुछ न कुछ नंबर जरूर लिखा हुआ होता है। यह राशियों के नंबर होते हैं। किसी भी जन्म कुंडली में जो हाउस होता है उसे ही लग्न कहा जाता है। इसके साथ जो नंबर लिखा होगा वहीं आपकी लग्न की राशि होती है। फर्स्ट हाउस में जो भी नंबर लिखा होगा, आपके लग्न का राशि वहीं होगी। बर्थ चार्ट आपकी गाड़ी होती है और उस गाड़ी में जो इंजन लगा होता है उसे लग्न कहा जाता है। लग्न के हिसाब से आपके बर्थ चार्ट का हेड क्वार्टर होता है। बर्थ चार्ट का स्ट्रांग या कमजोर होना बर्थ चार्ट से बता लगता है। लग्न जितना स्ट्रांग होगा आपके बर्थ चार्ट की मजबूती वैसे ही होगी। बर्थ चार्ट के साथ जो भी नंबर लिखा होगा वहीं आपकी लग्न राशि है।

PunjabKesari Name Astrology

बर्थ चार्ट में अलग-अलग जगह पर अलग-अलग ग्रह लिखे होते हैं। बर्थ चार्ट में जहां 10 नंबर लिखा होगा वहां आपके चंद्रमा बैठे हुए होंगे। इसका मतलब होता है कि इनकी जो राशि है वो मकर है। बर्थ चार्ट में जहां पर भी चंद्रमा होंगे वो आपकी राशि होगी। फर्स्ट हाउस में जो राशि लिखी होती है, वो लग्न होगी और जहां पर चंद्रमा होंगे वो आपकी जन्म राशि होगी। राशि आपके जन्म कुंडली का ड्राइवर है। यहां पर दोनों यानी लग्न और राशि का तालमेल अच्छा होना चाहिए अगर यह दोनों सही रहेंगे तो जीवन की गाड़ी भी अच्छे से चलती रहेगी।

सन साइन राशियों से अलग होते हैं। सन साइन एक महीने तक सेम रहते हैं। बर्थ चार्ट में जहां पर चंद्रमा होगा वहीं राशि होगी। सन साइन का वैदिक एस्ट्रोलॉजी में कोई हाथ नहीं होता। यह लोगों के नेचर को बताने के काम आती हैं। चीजों के पिन पॉइंट के लिए सन साइन का कोई रोल नहीं होता है। अपने सन साइन को सिर्फ विचार-विमर्श के लिए रखिए। सन साइन को राशिफल या एस्ट्रोलॉजी के लिए इस्तेमाल न करें। आपके जीवन में आगे क्या होगा यह लग्न तय करेगा और कब होगा यह आपकी चंद्र राशि तय करेगी। दोनों का अपनी-अपनी जगह खास महत्व होता है। दोनों एक-दूसरे के बिना अधूरे होते हैं।            
PunjabKesari Name Astrology

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!