Edited By Jyoti,Updated: 29 May, 2022 10:38 AM
आप में से लगभग लोगों के घर के बाहर घर की नाम पट्टिका लगी होती है, जिसे आज कल की भाषा में हम नेम प्लेट के नाम से जानते हैं। आमतौर पर इसे घर के बाहर लगाने का मुख्य कारण होता है घर में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति
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आप में से लगभग लोगों के घर के बाहर घर की नाम पट्टिका लगी होती है, जिसे आज कल की भाषा में हम नेम प्लेट के नाम से जानते हैं। आमतौर पर इसे घर के बाहर लगाने का मुख्य कारण होता है घर में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति, अतिथि, कोरियर वाले व पोस्टमैन सहित किसी भी व्यक्ति को घर ढूंढने में किसी तरह की दिक्कत न आए। परंतु क्या आप जानते हैं घर के बाहर लगी ये नेम प्लेट न केवल इसलिए नहीं लगाई जाती बल्कि घर के बाहर लगने वाली नेम प्लेट का वास्तु शास्त्र से गहरा संबंध है। जी हां, आज हम आपको बताएंगे नेम प्लेट भी वास्तु के अनुसार कैसा होना चाहिए, क्योंकि नेप प्लेट ही आपका पहला इम्प्रैशन होता है। वास्तु विशेषज्ञ बताते हैं कि इसी से आपके व्यक्तित्व का पता भी चलता है। अतः: इसका लोगों को अच्छा प्रभाव पड़ना चाहिए। तो आओ जानते हैं नेम प्लेट से जुड़े दिलचस्प वास्तु टिप्स-
वास्तु विशेषज्ञ के अनुसार घर के बाहर नेम प्लेट लगाने के लिए मुख्य द्वार के बाई ओर का स्थान बेहद शुभ माना जाता है।
बात करें इसकी यानि नेम प्लेट की ऊंचाई की तो, इसे दरवाजे के आधे हिस्से की ऊंचाई पर लगाना अच्छा माना जाता है।
वास्तु शास्त्र में न केवल इसे लगानी के सही दिशा बल्कि ये भी बताया गया है कि ये अच्छी मजबूत और ठीक से लगी होना चाहिए। ध्यान रहे यह लटकती हुई नहीं होनी चाहिए। वरना घर के लोगों को बुरा प्रभाव भुगतना पड़ता है।
अक्सर लोग अपने घर के बाहर स्टाइलिश नेम प्लेट या दानेदार नेम प्लेट लगवा लेते हैं, जिसे वास्तु में अच्छा नहीं माना जाता। ध्यान दें कि घर की नेम प्लेट में कोई छेद न हो।
घर की नेम प्लेट बनवाते समय इस बात का ध्यान रखें कि इसकाडिजाइन और साइज के दरवाजे के अनुसार ही हो। दरवाजे की डिजाइन व शेप को भी ध्यान में रखकर नेम प्लेट का शेप चुनें, जैसे रैक्टेंगल, ओवल आदि। साथ ही साथ ये भी ख्याल रखें कि नेप प्लेट इतनी बड़ी हो कि निश्चित दूरी से आने वाला व्यक्ति पढ़ सके।
नेप प्लेट में अच्छी लकड़ी और पीतल या तांबे की धातु का उपयोग किया जाना चाहिए। आप चाहें तो पत्थर या ठोस ग्लास का उपयोग भी कर सकते हैं।
नेम प्लेट पर जो भी नाम लिखा रहे हैं वे बहुत ज्यादा भरे या खाली न लगें। नाम छोटा हो तो फॉन्ट साइज को बड़ा रखें। नेम प्लेट के फॉन्ट्स औए रंग ऐसे होना चाहिए, जिन्हें आसानी से किसी भी उम्र का व्यक्ति पढ़ सकें।
इसके अलावा ऐसी नेम प्लेट भी बनवा सकते हैं जिसमें संस्कृति, कला और परंपरा का मिश्रण हो। नेम प्लेट पर रचनात्मक डिज़ाइन या DIY चित्र या आर्टवर्क भी करवा सकते हैं।
वास्तु शास्त्र के मुताबित नेप प्लेट आप द्वार के बीचोबीच भी लगा सकते हैं लेकिन यदि जगह हो तो द्वार से जुड़ी दीवार पर नेम प्लेट लगा सकते हैं। ध्यान रहे इस जहां लगाएं वहां रोशनी पर्याप्त रूप से आती हो तथा इसे समय से साफ करते रहे।