Edited By Niyati Bhandari,Updated: 19 Aug, 2022 09:50 AM
भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के उपरांत नवमी तिथि पर भगवान कृष्ण के पालक पिता नंद बाबा ने अपने घर पुत्र रत्न की प्राप्ति पर महोत्सव मनाया था। जिसे की नंद महोत्सव के नाम से आज भी देश-विदेश में
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Nanda Mahotsav 2022: भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के उपरांत नवमी तिथि पर भगवान कृष्ण के पालक पिता नंद बाबा ने अपने घर पुत्र रत्न की प्राप्ति पर महोत्सव मनाया था। जिसे की नंद महोत्सव के नाम से आज भी देश-विदेश में बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। बड़े सालों की तपस्या और प्रतिक्षा के बाद नंद के घर खुशियां आई थी। जिसका पूरे ब्रजवासियों ने आनंद के साथ स्वागत किया था। भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही कईं अलौकिक लीलाएं हुई। नंद महोत्सव का महत्व कृष्ण महोत्सव से भी अधिक माना जाता है क्योंकि इस दिन नंद बाबा ने अपने भंडार खोल कर सभी ब्रज वासियों की मनचाही इच्छाएं पूरी की थी। आप भी अपनी खाली झोली भरना चाहते हैं तो करें ये काम
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Nand Utsav: नंद के लाला आयो रे, भर लें अपनी खाली झोली
आज के दिन भगवान कृष्ण की जन्म की खुशी को मनाते हुए छोटे बालक-बालिकाओं को मिश्री व पोशाक भेंट देने से परिवार में वृद्धि होती है और साथ-साथ व्यापार भी आगे बढ़ता है।
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जिन लोगों को संतान संबंधी कठिनाईयां आ रही हैं, वे लोग आज के दिन छोटे बच्चों को खिलौने भेंट में दें। ऐसा करने से केतु ग्रह भी बलवान होगा।
छोटे बच्चों को अमरुद और चूरमे का दान देने से स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं दूर होंगी।
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घर में हर्षोल्लास और प्यार मोहब्बत बना रहे, इसके लिए छोटे बच्चों को मोर पंख या बांसुरी बांटें।
दूध का दान करने से धन की बहुतायत बनी रहेगी।
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गौसेवा अवश्य करें, इससे नंद बाबा जल्दी प्रसन्न होकर भरेंगे आपकी खाली झोली।
नीलम
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