Edited By Niyati Bhandari,Updated: 05 Apr, 2025 10:55 AM
Navratri 8th Day: चैत्र नवरात्रि के 8वें दिन मां महागौरी की पूजा करने का विधान है। महागौरी नवदुर्गा का आठवां स्वरूप हैं। इनका रूप बेहद सौम्य, सरल और सहज है। भगवान शिव की अर्धांगिनी मां महागौरी की पूजा करने से भगवान शिव बहुत प्रसन्न होते हैं और शिव...
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Navratri 8th Day: चैत्र नवरात्रि के 8वें दिन मां महागौरी की पूजा करने का विधान है। महागौरी नवदुर्गा का आठवां स्वरूप हैं। इनका रूप बेहद सौम्य, सरल और सहज है। भगवान शिव की अर्धांगिनी मां महागौरी की पूजा करने से भगवान शिव बहुत प्रसन्न होते हैं और शिव शक्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। मान्यता है की महागौरी के इस रुप की आयु आठ वर्ष है। अष्टमी तिथि पर मां को नारियल का भोग लगाने की परंपरा है। नारियल की बर्फी, नारियल के लड्डू, नारियल की चटनी आदि व्यंजन बनाकर माता रानी को भोग लगा सकते हैं। गृहस्थ जीवन को खुशहाल बनाने के लिए महागौरी की पूजा बेहद शुभ मानी गई है।
नवदुर्गा के रूपों में महागौरी आठवीं शक्ति हैं तथा नवरात्र अष्टमी पर महागौरी की पूजा का विधान है। देवी महागौरी की अराधना से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। शास्त्रों में देवी महागौरी को चतुर्भुजी कहकर संबोधित किया गया है। देवी महागौरी की ऊपर वाली दाईं भुजा अभय मुद्रा में हैं तथा नीचे वाली दाईं भुजा में त्रिशूल शोभा बढ़ाता है। इनकी ऊपर वाली बाईं भुजा में डमरू है, जो सम्पूर्ण जगत का निर्वाहन करा रहा है और नीचे वाली भुजा से देवी गौरी भक्तों की प्रार्थना सुनकर वरदान दे रही हैं। देवी महागौरी ने श्वेताम्बर परिधान धारण किए हुए हैं। इनकी सवारी श्वेत रंग का “वृष” है तथा ये सैदेव शुभंकरी है।

Mahagauri puja vidhi महागौरी पूजा विधि: रात्री में उत्तरपश्चिम मुखी होकर पूजा घर में सफ़ेद रंग का कपड़ा बिछाएं तथा कपड़े पर चावल की ढेरी बिछाएं। पूजा मे सफ़ेद आसन का उपयोग करें। चावल की ढेरी पर देवी महागौरी का चित्र स्थापित करें। हाथ मे जल लेकर संकल्प करें तथा हाथ जोड़कर देवी का ध्यान करें।
Mahagauri Meditation महागौरी ध्यान: पूर्णन्दु निभां गौरी सोमचक्रस्थितां अष्टमं महागौरी त्रिनेत्राम्। वराभीतिकरां त्रिशूल डमरूधरां महागौरी भजेम्॥
तत्पश्चात शुद्ध घी का दीपक करें। चंदन से धूप करें। देवी पर सफ़ेद कनेर के फूल चढाएं। इन्हें चावल से बनी खीर का भोग लगाएं। श्रृंगार में इन्हें सफ़ेद चंदन अर्पित करें तत्पश्चात बाएं हाथ में शतावरी लेकर दाएं हाथ से सफ़ेद चंदन की माला से देवी के मंत्र का जाप करें।
Mahagauri Mantra महागौरी मंत्र: ह्रीं श्रीं द्रीं महागौरी देव्यै नमः।।
जाप पूरा होने के बाद शतावरी सफ़ेद कपड़े में बांधकर अपने शयनकक्ष में छुपाकर रख दें। महागौरी की कृपा से अलौकिक सिद्धियों की प्राप्ति होती है। महागौरी के पूजन करने से अविवाहितों का शीघ्र विवाह होता है। सुहागनों के सुहाग की रक्षा होती है। कुंवारी कन्याओं को योग्य पति प्राप्त होता है। जीवन सुखमय और सफल बनता है तथा व्यक्ति के सभी मनोरथ पूरे होते हैं।