Edited By Prachi Sharma,Updated: 04 Oct, 2024 01:24 PM
शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। इस दौरान मां के नौ रूपों की पूजा करने का विधान है। वैसे तो पूरी दुनियां में मां दुर्गा के बहुत से मंदिर हैं। लेकिन आज इस आर्टिकल में जानेंगे मां के नौ रूपों के मंदिरों में
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Navratri Special: शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। इस दौरान मां के नौ रूपों की पूजा करने का विधान है। वैसे तो पूरी दुनियां में मां दुर्गा के बहुत से मंदिर हैं। लेकिन आज इस आर्टिकल में जानेंगे मां के नौ रूपों के मंदिरों में-
शैलपुत्री माता मंदिर
कश्मीर में स्थित शैलपुत्री माता मंदिर एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। यह मंदिर देवी दुर्गा की पहली शक्ति मां शैलपुत्री को समर्पित है। शैलपुत्री माता को पर्वतों की देवी माना जाता है और उनके पूजा अर्चना से भक्तों को मानसिक शांति और सुरक्षा मिलती है। बल्कि यहां की प्राकृतिक सुंदरता भी दर्शकों को आकर्षित करती है। इसके अलावा वाराणसी में भी शैलपुत्री माता का मंदिर है। नवरात्रि के दौरान दूर-दूर से भक्त इस मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं।
मां ब्रह्मचारिणी मंदिर, काशी
वाराणसी जिसे काशी भी कहा जाता है यहां पर मां ब्रह्मचारिणी प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर देवी दुर्गा के दूसरे रूप ब्रह्मचारिणी को समर्पित है। ब्रह्मचारिणी माता को तप और साधना की देवी माना जाता है और उन्हें श्रद्धा और भक्ति के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। इस मंदिर में भक्तजन अपनी आस्था के साथ आते हैं। खासकर नवरात्रि के दौरान, जब विशेष पूजा-अर्चना और उत्सव आयोजित किए जाते हैं। मंदिर का वातावरण भक्ति और आस्था से भरा होता है, और यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं को मानसिक शांति और संतोष मिलता है।
चंद्रघंटा माता मंदिर, काशी
चंद्रघंटा माता का मंदिर वाराणसी में स्थित है और यह देवी दुर्गा के तीसरे रूप को समर्पित है। चंद्रघंटा माता को उनके घंटे के आकार की चांद के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। उन्हें युद्ध और विजय की देवी माना जाता है जो भक्तों को साहस और बल प्रदान करती हैं। नवरात्रि के दौरान यहां विशेष पूजा और उत्सव मनाए जाते हैं, जिसमें बड़ी संख्या में भक्त आते हैं।
कूष्माण्डा माता मंदिर, कानपुर
नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्माण्डा की पूजा की जाती है। कूष्माण्डा माता मंदिर कानपुर में स्थित है। कूष्माण्डा माता को ब्रह्मांड की रचनाकार माना जाता है और उन्हें असीम शक्ति और कृपा का प्रतीक माना जाता है। यह मंदिर भक्तों के लिए एक विशेष स्थान है, जहां भक्तजन अपनी मनोकामनाओं के लिए पूजा-अर्चना करते हैं। नवरात्रि के दौरान मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ रहती है।
स्कंदमाता माता मंदिर विदिशा, मध्य प्रदेश
नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता माता की पूजा करने का विधान है। स्कंदमाता माता मंदिर विदिशा मध्य प्रदेश में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर श्रद्धालुओं के बीच अपनी आध्यात्मिक महत्ता के लिए जाना जाता है। स्कंदमाता माता को आशीर्वाद देने वाली देवी माना जाता है, और भक्तजन यहांम आकर अपने जीवन में सुख-समृद्धि और शांति की कामना करते हैं। इसके अलावा काशी में भी स्कंदमाता का मंदिर है। महादेव और मां पारवती के पुत्र को स्कन्द कहा जाता है।
कात्यायनी माता मंदिर, वृन्दावन
मां कात्यायनी का मंदिर वृंदावन में स्थित है। कात्यायनी माता को शक्ति, प्रेम और भक्ति की देवी माना जाता है। यह मंदिर विशेष रूप से नवरात्रि के दौरान भक्तों के बीच बहुत लोकप्रिय है। मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर में राधा रानी ने श्री कृष्ण को पति के रूप में पाने के लिए आराधना की थी।
कालरात्रि माता मंदिर, वाराणसी
मां दुर्गा का कालरात्रि स्वरूप सबसे भयंकर है। इसी रूप में मां ने राक्षसों का संहार किया था। कालरात्रि माता मंदिर वाराणसी में स्थित है। कालरात्रि माता को अंधकार की देवी माना जाता है और उन्हें दुष्ट शक्तियों का नाशक और भक्तों के लिए सुरक्षा देने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है। इस मंदिर में पूजा करने से शक्ति, साहस और सफलता का आशीर्वाद मिलता है।
महागौरी माता मंदिर, काशी
मां महागौरी का स्वरूप बहुत ही शांत और सुन्दर है। महागौरी माता मंदिर वाराणसी में स्थित है। महागौरी माता की पूजा से भक्तों को मानसिक शांति और आंतरिक बल की प्राप्ति होती है।
सिद्धिदात्री माता मंदिर, छिंदवाड़ा
सिद्धिदात्री माता मंदिर छिंदवाड़ा मध्य प्रदेश में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है जो देवी दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री को समर्पित है। सिद्धिदात्री माता को समृद्धि, सिद्धियों और आशीर्वाद की देवी माना जाता है। उन्हें भक्ति, ज्ञान और शक्ति की प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। यहां पर मां कमल के पुष्प पर विराजमान हैं।