Edited By Jyoti,Updated: 19 Jun, 2022 10:51 AM
सनातन धर्म व वास्तु शास्त्र में पेड़ व पौधों को अधिक महत्व दिया गया। जिसका कारण धार्मिक भी है और वैज्ञानिक भी है। एक तरफ जहां धार्मिक शास्त्रों में इनका अलग महत्व बताया गया है
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सनातन धर्म व वास्तु शास्त्र में पेड़ व पौधों को अधिक महत्व दिया गया। जिसका कारण धार्मिक भी है और वैज्ञानिक भी है। एक तरफ जहां धार्मिक शास्त्रों में इनका अलग महत्व बताया गया है तो वहीं दूसरी वास्तु शास्त्र और वैज्ञानिक में इसके कई फायदे बताए गए हैं। आज इस आर्टिकल में हम आपको पेड़-पौधों से जुड़े खास उपाय। वैसे तो हिंदू धर्म में बहुत से पेड़ ऐसे है जिनका बहुत अधिक महत्व माना गया है। परंतु आज जिसके बारे में हम बात करने जा रहे हैं वो है नीम का पेड़ नीम के पेड़ को भी शास्त्रों में खास महत्व दिया है। नीम पेड़ का संबंध मंगल ग्रह के साथ साथ शनि व केतु ग्रह से भी जोड़ा गया है। इतना ही नहीं नीम के पेड़ में कई शक्तियों का वास माना गया है। ऐसे में ज्योतिष शास्त्र में नीम पेड़ से जुड़े बहुत से ऐसे खास उपायों का वर्णन किया गया है। जो आपके जीवन की हर परेशानी को चुटकियों में दूर देगा। तो आइए जानते हैं माध्यम से नीम पेड़ से जुड़े चमत्कारी उपायों के बारे में।
शास्त्रों में नीम के पेड़ को साक्षात मंगल ग्रह का स्वरूप माना गया है। ऐसे में आप इस पेड़ को घर की दक्षिण दिशा में लगाएं। व उसकी नियमित रूप से सेवा करें। शुभ परिणाम मिलते रहेंगे।. तो वही ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, मंगलवार के दिन नीम के पेड़ की पूजा करने से बजरंगबली अत्यंत प्रसन्न होते हैं। कहते हैं कि हनुमान जी जिस पर अपनी कृपा बरसाते हैं उसके सभी संकट अपने आप टल जाते हैं। ऐसे में मंगलवार के दिन नीम के पेड़ की पूजा के साथ साथ शाम को इस पर जल चढ़ाएं और चमेली के तेल का दीपक प्रज्वलितकरें। ऐसे कम से कम 11 मंगलवार तक लगातार करने से संकट हरने वाले हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा अगर घर के आसपास कहीं नीम का पेड़ लगा है या घर में नीम का पेड़ हो तो रोजाना हनुमान जी का ध्यान करते हुए जल अर्पितकरें। मान्यता है कि जो भी व्यक्ति नियमित रूप से नीम की पेड़ की पूजा करता है। उसके जीवन में कभी भी अमंगल नहीं होता साथ ही साथ कुंडली में मौजूद तमाम मंगल दोष दूर होते हैं।
इसके अलावा ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार नीम पेड़ का संबंध शनि व केतु ग्रह से भी है।. ऐसे में इन दोनों की ग्रहों के अशुभ प्रभाव को खत्म करने के लिए नीम के पेड़ का इस्तेमाल किया जाता है। अगर आपकी कुंडली में शनि व केतु अशुभ प्रभाव दे रहे हैं तो घर में नीम का पेड़ अवश्य लगाएं।
अगर आपके शनि की साढ़ेसाती चल रही है तो इसके अशुभ प्रभावों से छुटकारा पाने के लिए नीम की लकड़ियों का हवन जरूर करवाएं। इससे शनि ग्रह शांत होता है। इसलिए हो सके तो सप्ताह में एक बार हवन में नीम की लकड़ी का इस्तेमाल जरूर करें। इतना ही नहीं अगर कुंडली में शनि की महादशा चल रही है तो नीम की लकड़ी की माला बनाकर धारण करें। इससे शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलेगी। साथ ही साथ नीम पेड़ की पूजा करने और इसकी दातुन करने से भी शनि से जुड़े दोष कुंडली में समाप्त होते हैं व शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
अगर आप कुंडली में केतु ग्रह अशुभ स्थिति में है तो जातक को जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। घर में झगड़ा बढ़ने लगते हैं। पिता के साथ संबंध अच्छे नहीं रहते। तो ऐसे में केतु ग्रह को शांत करने के लिए नीम की पत्तियों का रस निकालकर नहाने वाले जल में मिलाकर रोजाना स्नान करें। ऐसा करने से आपकी हर समस्या से छुटकारा मिलेगा।
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष हो तो वह घर के दक्षिण या फिर वायव्य कोण यानी कि उत्तर-पश्चिम के मध्य भाग में नीम का पेड़ जरूर लगवाएं। ऐसे करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलने के साथ पितरों का आशीर्वाद हमेशा बना रहता है।
जिन जातकों का जन्म उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में हुआ हो या जिस मनुष्य की मकर या कुंभ राशि है उन्हें नीम का पेड़ जरूर लगाना चाहिए। मान्यता है कि इन दोनों राशियों के नीम का पेड़ लगाना शुभ फलदायी रहता है। साथ ही उनके प्रगति और मान सम्मान में वृद्धि होती है।