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आकाशगंगा के शुरूआती तारों के समूह की खोज; नाम दिया शक्ति एवं शिव

Edited By Prachi Sharma,Updated: 23 Mar, 2024 08:13 AM

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खगोलविदों ने ब्रह्मांड की पहली मंदाकिनी के बनने की शुरूआत के समय यानी 12-13 अरब वर्ष पहले की हमारी आकाशगंगा के शुरूआती तारों के समूहों का पता लगाकर उन्हें

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नई दिल्ली (प.स.): खगोलविदों ने ब्रह्मांड की पहली मंदाकिनी के बनने की शुरूआत के समय यानी 12-13 अरब वर्ष पहले की हमारी आकाशगंगा के शुरूआती तारों के समूहों का पता लगाकर उन्हें ‘शक्ति’ एवं ‘शिव’ नाम दिया है। एक नए अनुसंधान से यह जानकारी मिली है। खगोल वैज्ञानिकों ने कहा कि अनुसंधान के निष्कर्ष से पता चलता है कि तारों के ये शुरूआती समूह आज के समय के बड़े शहरों के आकार के समान थे।

वैज्ञानिकों के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि आकाशगंगा छोटी मंदाकिनियों के विलय से बनी, जिससे तारों के बड़े समूहों के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ था। उन्होंने बताया कि जब मंदाकिनियों के बीच टक्कर हुई और वे आपस में मिल गईं, तो ज्यादातर तारों ने बहुत बुनियादी विशेषताएं बनाए रखीं और इसका सीधे तौर पर उनकी मूल मंदाकिनी की गति एवं दिशा से संबंध है। 

‘एस्ट्रोफिजिकल’ पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन रिपोर्ट में, मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोनॉमी, जर्मनी की अनुसंधान टीम ने अपने विश्लेषण में पाया कि विलय करने वाली मंदाकिनियों के तारे ऊर्जा और कोणीय वेग के दो विशेष बिंदुओं के इर्द-गिर्द एकत्र थे। इस तरह, तारों के दो अलग समूहों ‘शक्ति’ और ‘शिव’ का निर्माण हुआ। अध्ययन की सहलेखिका ख्याति मल्हान ने इन दो संरचनाओं को ‘शक्ति’ और ‘शिव’ नाम दिया।


 

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