Edited By Prachi Sharma,Updated: 17 Dec, 2024 07:31 AM
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को पूछा कि ‘जय श्री राम’ का नारा लगाना कैसे आपराधिक कृत्य है। न्यायमूर्ति पंकज मिथल और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की।
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नई दिल्ली (एजैंसी): उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को पूछा कि ‘जय श्री राम’ का नारा लगाना कैसे आपराधिक कृत्य है। न्यायमूर्ति पंकज मिथल और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। याचिका में कर्नाटक उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें मस्जिद के अंदर ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने के लिए दो व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही 13 सितम्बर को रद कर दी गई थी।
शिकायतकर्ता हैदर अली सी.एम द्वारा दायर याचिका पर पीठ ने पूछा, “वे एक विशेष धार्मिक नारा लगा रहे थे या नाम ले रहे थे। यह अपराध कैसे है ?” शीर्ष न्यायालय ने शिकायतकर्ता से यह भी पूछा कि मस्जिद के अंदर आकर नारे लगाने वाले व्यक्तियों की पहचान कैसे की गई। पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत से पूछा, “आप इन प्रतिवादियों की पहचान कैसे करते हैं ?