Edited By Niyati Bhandari,Updated: 18 Jun, 2024 11:36 AM
भगवान विष्णु को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए एकादशी का दिन बहुत ही खास और शुभ माना जाता है। प्रत्येक साल में 24 एकादशी पड़ती हैं और हर एक एकादशी का अपना अलग महत्व होता है।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Nirjala Ekadashi 2024: भगवान विष्णु को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए एकादशी का दिन बहुत ही खास और शुभ माना जाता है। प्रत्येक साल में 24 एकादशी पड़ती हैं और हर एक एकादशी का अपना अलग महत्व होता है। ज्येष्ठ माह में पड़ने वाली निर्जला एकादशी बहुत विशेष मानी जाती है। इस दिन अन्न के साथ-साथ जल को भी ग्रहण नहीं किया जाता है। निर्जला एकादशी के दिन श्री हरि की पूजा करने से मन की हर मनोकामना पूर्ण होती है और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इस दिन कुछ विशेष नियमों का भी ध्यान रखना चाहिए-
Nirjala Ekadashi Vrat Me Pani Kab pina chahiye निर्जला एकादशी व्रत में पानी कब पीना चाहिए
हर वर्ष ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी मनाई जाती है। इसे सभी एकादशियों में सबसे कठोर व्रत माना जाता है। इस बार निर्जला एकादशी आज 18 जून 2024 को है। जो लोग निर्जला एकादशी का व्रत रख रहे हैं, उन्हें एकादशी के अगले दिन 19 जून 2024 यानी द्वादशी तिथि पर पानी पीना चाहिए।
Nirjala Ekadashi Vrat Niyam निर्जला एकादशी व्रत नियम
एकादशी व्रत के नियम के अनुसार, इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। इसके लिए एकादशी से एक दिन पहले जमीन पर सोना चाहिए। साथ ही इस दिन किसी को अपशब्द भी नहीं बोलना चाहिए।
निर्जला एकादशी के दिन तुलसी के पौधे को नहीं तोड़ना चाहिए। माना जाता है कि इस दिन मां लक्ष्मी एकादशी का व्रत करती हैं। ऐसा करने से मां का व्रत खंडित हो जाता है और भगवान विष्णु अप्रसन्न होते हैं।
निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा के दौरान व्रत कथा जरूर पढ़ें। निर्जला एकादशी के दिन व्रत रखें और कथा पढ़ने से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
इस दिन अन्न के अलावा पानी का भी त्याग किया जाता है। सूर्योदय से लेकर अगले दिन यानी द्वादशी के दिन सूर्योदय तक अन्न और पानी नहीं पिया जाता है।
निर्जला एकादशी के दिन किसी भी तरह के तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही इस दिन खास करके चावल का सेवन न करें।