Edited By Lata,Updated: 01 Oct, 2019 12:45 PM
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अश्विन माह में कई व्रत त्योहार आते हैं तो वहीं इस दौरान हिंदूओं का प्रमुख पर्व नवरात्रि भी आती है।
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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अश्विन माह में कई व्रत त्योहार आते हैं तो वहीं इस दौरान हिंदूओं का प्रमुख पर्व नवरात्रि भी आती है। या फिर यूं कहना गलत नहीं होगा कि हिंदू धर्म के मुख्य पर्व-त्योहारों की लड़ी लग जाती है। इसी समय भगवान विष्णु के चतुर्मास का अंतिम महीना जैसे कार्तिक माह के नाम से जााना जाता है, उसकी शुरूआत होती है। बता दें कि इस दौरान भगवान के जागने का समय भी होता है और उसे देवउठनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। कहते हैं कि कार्तिक माह के दौरान जो लोग भी व्रत कते हैं, भगवान श्री हरि उनके सारे कष्टों को दूर कर देते हैं। यहां जानें अक्टूबर महीने का अपना राशिफल-
कार्तिक माह में कई तरह के पर्व आते हैं, जैसे कि दीपावली जैसा खास पर्व भी इसी महीने में मनाया जाता है। इस दौरान श्री हरि विष्णु के मंदिर में जाकर दीप दान करने से व्यक्ति को पूरे चार्तुमास का फल मिलता है। ऐसा भी माना जाता है कि इस बीच अगर कोई व्यक्ति चार्तुमास का व्रत नहीं पाया तो कार्तिक माह का ही व्रत कर ले तो उसे पूरे चार्तुमास का फल मिलता है।
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी करवा चौथ का व्रत किया जाता है। कहते हैं कि ये व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लम्बी उम्र के लिए रखती हैं। लेकिन कुंआरी कन्याएं अच्छा वर पाने के लिए भी रख सकती हैं। बहुत से राज्यों में ये मनाया जाता है लेकिन ज्यादारतार पंजाब, हरियाणा में इस व्रत की धूम देखने को मिलती है। महिलाएं उस दिन 16 श्रृंगार करती हैं और रात में चांद देखने के बाद ही व्रत खोलती हैं। इस बार ये17 अक्टूबर को मनाया जा रहा है।
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि अहोई अष्टमी के रूप में मनाई जाती है। इसे मुख्यत: उत्तर भारत की तरफ मनाया जाता है। यह पर्व करवा चौथ के चार दिन बाद तथा दीपावली के आठ दिन पूर्व मनाया जाता है। ये पर्व माताएं अपने पुत्रों के कल्याण के लिए रखती हैं। माताएं, बहुत उत्साह से अहोई माता की पूजा करती हैं तथा अपनी संतानों की दीर्घ, स्वस्थ्य एवं मंगलमय जीवन के लिए प्रार्थना करती हैं। तारों अथवा चंदमा के दर्शन तथा पूजन कर व्रत समाप्त किया जाता है।
इस बात को तो सब जानते ही हैं कि दीपावली का पर्व पूरे भारत में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिये इस दिन को बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन दीपदान, धनतेरस, गोवर्धन पूजा, भैया दूज आदि त्यौहार दिवाली के साथ-साथ ही मनाएं जाते हैं।