Edited By Jyoti,Updated: 30 Jun, 2019 06:09 PM
किस्मत ऐसी चीज़ है जिसे कोई चाहकर भी बदल नहीं सकता और ये किस्मत ही है जो हमें जीवन में सफलता व असफलता दिलाती हैं। मगर क्या हो अगर किसी के किस्मत के दरवाज़े ही बंद हो
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किस्मत ऐसी चीज़ है जिसे कोई चाहकर भी बदल नहीं सकता और ये किस्मत ही है जो हमें जीवन में सफलता व असफलता दिलाती हैं। मगर क्या हो अगर किसी के किस्मत के दरवाज़े ही बंद हो? अब इसमें होना क्या है अगर किस्मत के द्वार ही बंद होंगे तो लाइफ में कुछ भी पाना आसान नहीं होगा।
ये सब बातें मन में एक ही प्रश्न उठाती हैं कि आख़िर इसका उपाय क्या है। इसके लिए बहुत से लोग ज्योतिष उपाय आदि करते हैं ताकि जल्द-जल्द से उनकी किस्मत पर लगा ताला खुले और उनका भाग्य चमके।
मगर बहुत से ऐसे लोग होते हैं जिन्हें ये उपाय आदि के बारे में जानकारी प्राप्त नहीं होती। तो वो क्या करें? इससे पहले कि आप सोच में पड़ जाएं आपको बता दें कि इसके लिए आपको ज्यादा कुछ करने की कोई ज़रूर नहीं है बल्कि सिर्फ एक मंदिर में जाकर अपनी बंद किस्मत के द्वार खोलने की प्रार्थना करनी होगी।
हम बात कर रहे हैं कानपुर के बंगाली मोहाल मोहल्ले में स्थित काली माता मंदिर के बारे में। जहां प्रचलित मान्यताओं के अनुसार ताला-चॉबी चढ़ाने से किस्मत का ताला खुल जाता है। इसी के चलते यहां आने वाले भक्त माता रानी के चरणों में ताला-चॉबी चढ़ाते हैं। जब उनकी मुराद पूरी हो जाती है तो वो अगले साल आकर ताला खोल लेते हैं। बताया जाता है कि यह परंपरा आज से नहीं बल्कि कई वर्षों से चली आ रही है।
300 साल पुराने मां काली के इस मंदिर में नवरात्रि के अवसर पर सैकड़ों की संख्या में भक्त मां के दर्शनों को आते हैं। कहा जाता है जो भक्त सच्ची श्रद्धा से मां के मंदिर में ताला बंद कर मनोकामनाएं मांगता है उसकी इच्छाएं अवश्य पूर्ण होती हैं।
आगे बताते चलें कि आमतौर पर यहां लोहे के ताले लगाए जाते हैं, लेकिन कुछ भक्त मां के चरणों में सोने, चांदी और अन्य धातुओं से निर्मित ताले भी लगाते हैं। यहां ताला लगाने से पहले ताले का पूर्ण विधि विधान से पूजन किया जाता है उसके बाद ही ताला लगाया जाता है।
पौराणिक किंवदंतियों के अनुसार सदियों पहले एक महिला भक्त बहुत परेशान थी। वह रोज़ाना मां काली के मंदिर में दर्शन करने के लिए आती थी। कुछ दिनों बाद वह महिला मंदिर के प्रांगण में ताला लगाने लगी तो मंदिर के पुरोहित ने उससे सवाल किया। महिला ने जवाब देते हुए उन्हें बताया कि उसके सपनों में मां काली आई थीं और उसे ऐसा करने के लिए कहा। मां ने यह भी कहा था कि ऐसा करने से उनकी इच्छा ज़रूर पूरी होगी।
इसके बाद ही कुछ दिनों बाद स्वतः मंदिर की दीवार पर लिखा पाया गया कि तुम्हारी मनोकामना पूरी हो गई है। कहा जाता है इसके बाद से ही वह महिला भी कभी नहीं दिखी और उसके द्वारा लगाया हुआ ताला भी गायब हो गया। इसी घटना के बाद ही यहां यह परंपरा शुरू हुई।