Edited By Prachi Sharma,Updated: 22 Feb, 2024 11:23 AM
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सृष्टि के रचियता कहे जाने वाले त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु, महेश को ओम का प्रतीक माना जाता है। राजस्थान के पाली जिले की मारवाड़ तहसील के जाडन गांव में ओम की
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Om Shaped Shiva Mandir: सृष्टि के रचियता कहे जाने वाले त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु, महेश को ओम का प्रतीक माना जाता है। राजस्थान के पाली जिले की मारवाड़ तहसील के जाडन गांव में ओम की आकृति वाला शिव मंदिर बनकर तैयार है। इसका उद्घाटन 19 फरवरी को हो गया है।
250 एकड़ में फैला ओम आश्रम
ओम आश्रम जाडन के सचिव स्वामी फूलपुरी ने बताया कि विश्वदीप गुरुकुल में स्वामी महेश्वरानंद के आश्रम में ओम की आकृति वाले इस भव्य शिव मंदिर का निर्माण बीते लगभग 28 साल से जारी था। करीब 250 एकड़ में फैले आश्रम के बीचोंबीच इस मंदिर को बनाया गया है।
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चार खंडों में विभाजित मंदिर
यह शिव मंदिर चार खंडों में विभाजित है। एक पूरा खंड भूगर्भ में बना हुआ है जबकि तीन खंड जमीन के ऊपर हैं। बीचोंबीच स्वामी माधवानंद की समाधि है। भूगर्भ में समाधि के चारों तरफ सप्त ऋषियों की मूर्तियां हैं।
नागर शैली में बना मंदिर
इस मंदिर में जैसे-जैसे प्रवेश करेंगे, मंदिर की भव्यता आंखों में समाती चली जाएगी। मंदिर की ऐतिहासिक नक्काशी इसकी दूसरी खासियत है। मंदिर जितना विशाल है, उतनी ही इसकी नक्काशी सजीव है। मंदिर नागर शैली में बना है और यहां की हर दीवार भगवान के स्वरूपों और भारतीय संस्कृति की गवाह नजर आती है।
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1995 में हुआ था शिलान्यास
आधा किलोमीटर के दायरे में फैले इस शिव मंदिर का निर्माण कार्य 1995 में शुरू हुआ था। शिलान्यास समारोह में देशभर से साधु-संतों ने हिस्सा लिया था।
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शिखर पर ब्रह्मांड की आकृति
आश्रम में भगवान शिव की 1008 अलग-अलग प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। मंदिर परिसर में कुल 108 कक्ष हैं। इसका शिखर 135 फुट ऊंचा है। सबसे ऊपर वाले भाग में महादेव का शिवलिंग स्थापित है जिसके ऊपर बह्मांड की आकृति बनाई गई है। जाडन आश्रम में शिवालय के अलावा श्री माधवानंद योग विश्वविद्यालय भी स्थापित किया गया है। चार मंजिला इस इमारत में स्कूल-कॉलेज भी होंगे। इसका निर्माण विश्वदीप गुरुकुल ट्रस्ट की ओर से करवाया गया है। खास बात यह है कि आश्रम के निर्माण में धौलपुर का बंशी पहाड़ का पत्थर काम में लाया गया है।
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गर्भगृह के सामने नंदी की प्रतिमा
केवल आसमान से ही नहीं, बल्कि धरती से भी मंदिर की खूबसूरती देखते ही बन रही है। मंदिर में प्रवेश से पहले नंदी की प्रतिमा के दर्शन होते हैं। यह प्रतिमा भी बेहद खास है। जिस तरह केदारनाथ में गर्भगृह के सामने नंदी बैठे हुए हैं, ठीक उसी तरह इस मंदिर में भी नंदी को गर्भगृह के ठीक सामने बैठाया गया है। यहां से मंदिर के गर्भगृह की भव्यता को देखा और महसूस किया जा सकता है।
कैसे पहुंचें : जाडन आश्रम पाली से गुजर रहे नैशनल हाईवे 62 पर सड़क किनारे स्थित है। निकटवर्ती एयरपोर्ट जोधपुर करीब 71 किलोमीटर दूर है। ट्रेन के जरिए मारवाड़ जंक्शन तक पहुंच सकते हैं जो यहां से 23 किलोमीटर है।
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