Edited By Jyoti,Updated: 06 Oct, 2020 05:17 PM
भारत देश के किसी भी कोने में जाएं, कोई न कोई मंदिर मिल ही जाता है। और इन मंदिरों से जुड़ी खास बात तो ये होती है कि इनसे जुड़े कुछ ऐसे रहस्य होते हैं जिनके बारे में जानकर कोई भी व्यक्ति हैरान हो सकता है। आज हम आपको ऐसे ही एक मंदिर के बारे में बताने...
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भारत देश के किसी भी कोने में जाएं, कोई न कोई मंदिर मिल ही जाता है। और इन मंदिरों से जुड़ी खास बात तो ये होती है कि इनसे जुड़े कुछ ऐसे रहस्य होते हैं जिनके बारे में जानकर कोई भी व्यक्ति हैरान हो सकता है। आज हम आपको ऐसे ही एक मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो समर्पित है उमापुत्र भगवान गणेश को। बता दें ये मंदिर स्थित है कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में, जिसे पंचमुखी मंदिर के नाम से जाना जाता है। पंचमुखी गणेश मंदिर कुमारा स्वामी देवस्थान के पास स्थित, जिसके समीप विश्वकर्मा आश्रम भी स्थापित है। बताया जाता है कि आश्रम में रहने वाले छात्र मंदिर में होने वाले आयोजनों में अपनी सेवा देते हैं। आइए जानते हैं मंदिर से जुड़ी औक भी रोचक बातें-
30 फीट ऊंचे गोपुरम पर विराजमान है पंचमुखी गणेश
बताया जाता है मंदिर का गोपुरम लगभग 30 फुट ऊंचा है, जिस पर विघ्नहर्ता भगवान गणेश की प्रतिमा सुशोभित है, जो स्वर्ण रंग की है। इसके अलावा बता दें इस प्रतिमा के पांच में से 4 मुख चार दिशाओं में बने हुए हैं तथा पांचवा मुख इन सभी के ऊपर बिल्कुल सामने की ओर है। इसके अलावा इस मंदिर की सबसे खास बात ये है कि यहां पर गणपति बप्पा के साथ उनका वाहन चूहा नहीं, शेर की आराधना की जाती है। कहा जाता है इस मंदिर का निर्माण 2007 में किया गया था, जिसकी विशेषता अधिक इसलिए बताई जाती है क्योंकि इसका निर्माण श्रीचक्र के आकार में हुआ है।
मंदिर में है 32 रूपों के चित्र
इस मंदिर के गर्भगृह में गणपति बप्पा के 32 विभिन्न रूप के चित्र देखने को मिलते हैं। खासरूप से यहां पूर्णिमा के अवसर सत्यनारायण स्वामी की पूजा की जाती है। तो वहीं गुरु पूर्णिमा, संकष्टी चतुर्थी और गणेश चतुर्थी के अवसर पर खास पूजा का अयोजन होता है।
जलकुंड में सिक्के डालने की है परंपरा
बता दें मंदिर के भी अंदर 6 फीट ऊंची गणेश प्रतिमा विराजित है, जो काले पत्थर की, इसे ही पंचमुखी कहा जाता है। कहा जाता है इस मंदिर का बाकि के गणेश मंदिर से अधिक खास होने के कारण यही है कि यहां इनके वाहन मूषक राज की नहीं बल्कि सिंह को पूजा जाता है। यहां की प्रचलित मान्यताओं के अनुसार शेर के साथ भगवान गणेश के पंचमुखी रूप की पूजा से व्यक्ति के कष्टों का नाश हो जाता है। मंदिर में एक जलकुंड है, जिसे लेकर मान्यता ये प्रचलित है कि यहां सिक्के डालने से जातक की हर तरह की मनोकामना पूरी होती है।