Edited By Prachi Sharma,Updated: 20 Mar, 2025 10:37 AM
पापमोचिनी एकादशी हिंदू धर्म में एक विशेष दिन है, जिसे विशेष रूप से पापों से मुक्ति पाने के लिए मनाया जाता है। यह एकादशी चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आती है और इस
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Papmochani Ekadashi 2025: पापमोचिनी एकादशी हिंदू धर्म में एक विशेष दिन है, जिसे विशेष रूप से पापों से मुक्ति पाने के लिए मनाया जाता है। यह एकादशी चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आती है और इस दिन उपवास, पूजा और विशेष आध्यात्मिक क्रियाएं करके व्यक्ति अपने पापों से छुटकारा पा सकता है। इस दिन को पापों को धोने और पुण्य प्राप्त करने के रूप में मनाया जाता है।
पापमोचिनी एकादशी का महत्व
पापमोचिनी एकादशी का नाम ही इसके महत्व को उजागर करता है। पाप का अर्थ है पाप या गलत कर्म, और मोचन का मतलब है मुक्ति। इस दिन का उद्देश्य पापों से मुक्ति प्राप्त करना और जीवन को शुद्ध करना है। पुराणों के अनुसार, इस दिन उपवास करने से सभी पापों का नाश होता है और भगवान विष्णु की कृपा से व्यक्ति के जीवन में शांति और समृद्धि आती है। जो व्यक्ति इस दिन उपवास करता है और विष्णु भगवान की पूजा करता है, उसके पाप समाप्त हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
पापमोचिनी एकादशी पर क्या करना चाहिए ?
उपवास करें
पापमोचिनी एकादशी का मुख्य उद्देश्य उपवास करना है। इस दिन भक्तों को विशेष रूप से आहार पर संयम रखना चाहिए। एकादशी के दिन सुबह से लेकर अगले दिन सूर्योदय तक उपवासी रहना चाहिए। इस दिन का उपवास आंशिक या पूर्ण हो सकता है, जिसमें भक्त फल, दूध, और अन्य शाकाहारी पदार्थों का सेवन कर सकते हैं लेकिन अनाज का सेवन नहीं करना चाहिए। यह उपवास आत्मिक शुद्धता प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

भगवान विष्णु की पूजा करें
पापमोचिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है। भक्तों को इस दिन भगवान विष्णु के शंख, चक्र, गदा और पद्म के रूप में पूजन करना चाहिए। पूजा में विशेष रूप से विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और पापों का नाश होता है।
भजन-कीर्तन और मंत्र जाप करें
पापमोचिनी एकादशी पर भजन-कीर्तन और मंत्र जाप का महत्व बहुत अधिक है। भक्तों को इस दिन भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना चाहिए, जैसे कि ॐ नमो भगवते वासुदेवाय या ॐ श्री विष्णवे नमः। इसके अलावा, भक्त हरी ॐ का जाप भी कर सकते हैं। इन मंत्रों का जाप करने से मानसिक शांति मिलती है और आत्मिक उन्नति होती है।
दान और पुण्य का कार्य करें
एकादशी के दिन दान और पुण्य के कार्य करना अत्यंत फलदायी होता है। विशेष रूप से गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या धन का दान करना चाहिए। यह पापमोचिनी एकादशी का एक अहम अंग है। दान से पुण्य की प्राप्ति होती है, जो व्यक्ति को पापों से मुक्त करने में मदद करता है।
पापमोचिनी एकादशी पर क्या नहीं करना चाहिए ?

अनाज का सेवन न करें
पापमोचिनी एकादशी के दिन अनाज का सेवन वर्जित है। इस दिन किसी भी प्रकार के अनाज, जैसे चावल, गेहूं, दाल, आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। हालांकि, फल, दूध, शहद और शाकाहारी भोजन का सेवन किया जा सकता है। यह उपवास शरीर और आत्मा की शुद्धि के लिए किया जाता है।
मांसाहार और शराब से दूर रहें
पापमोचिनी एकादशी के दिन मांसाहार और शराब का सेवन करना अत्यंत निषिद्ध है। यह दिन धार्मिक और आत्मिक उन्नति का दिन है और मांसाहार से दूर रहना चाहिए। मांसाहार और शराब से शरीर और मन दोनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जो इस पवित्र दिन के उद्देश्य के खिलाफ है।
दूसरों से झगड़ा न करें
पापमोचिनी एकादशी के दिन, भक्तों को किसी भी प्रकार के झगड़े और विवाद से बचना चाहिए। शांति और सद्भावना बनाए रखना चाहिए। इस दिन को भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने का दिन माना जाता है, और इस कृपा के लिए हमें अहंकार, क्रोध और द्वेष से बचना चाहिए।
