Edited By Sarita Thapa,Updated: 11 Mar, 2025 08:34 AM

Papmochani Ekadashi : सनातन धर्म में एकादशी व्रत को सभी महत्वपूर्ण व्रतों में से एक माना जाता है। हर महीने में आने वाली एकादशी का अलग ही महत्व है। हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि के दूसरे दिन पापमोचनी एकादशी मनाई जाती है।
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Papmochani Ekadashi : सनातन धर्म में एकादशी व्रत को सभी महत्वपूर्ण व्रतों में से एक माना जाता है। हर महीने में आने वाली एकादशी का अलग ही महत्व है। हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि के दूसरे दिन पापमोचनी एकादशी मनाई जाती है। इस बार पापमोचनी एकादशी 25 मार्च, मंगलवार के दिन रखा जाएगा। माना जाता है कि इस दिन पूरे सच्चे मन से विष्णु जी पूजा करने और व्रत रखने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। साथ ही शुभ फलों की प्राप्ति होती है। तो आइए जानते हैं पापमोचनी एकादशी के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में-
Papmochani Ekadashi Shubh Muhurat पापमोचनी एकादशी शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 25 मार्च को सुबह 05 बजकर 05 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 26 मार्च को ब्रह्म मुहूर्त में 03 बजकर 45 मिनट पर होगा। उदया तिथि के मुताबिक, 25 मार्च को पापमोचनी एकादशी मनाई जाएगी।

Papmochani Ekadashi Puja Vidhi पापमोचनी एकादशी पूजा विधि
पापमोचनी एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें।
फिर घर के मंदिर में साफ-सफाई करने का बाद गंगाजल का छिड़काव करें।
अब एक चौकी पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें।
इसके बाद भगवान विष्णु को पीले रंग के फूल, फल, चंदन, धूप, दीप आदि अर्पित करें।
फिर श्री हरि को पीले रंग की मिठाई और तुलसी दल का भोग लगाएं।
उसके बाद श्री हरि के मंत्रों और नामों का जाप करें।
अंत में विष्णु जी के समक्ष घी का दीपक जलाएं और आरती करें।
