Edited By Prachi Sharma,Updated: 09 Nov, 2023 07:56 AM
पारंपरिक पगड़ी, परांदा और जूती के लिए मशहूर पंजाब का शहर पटियाला देश की राजधानी दिल्ली में भी काफी मशहूर है। इसके पीछे दिल्ली की प्रतिष्ठित
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History of the Patiala Ruling House: पारंपरिक पगड़ी, परांदा और जूती के लिए मशहूर पंजाब का शहर पटियाला देश की राजधानी दिल्ली में भी काफी मशहूर है। इसके पीछे दिल्ली की प्रतिष्ठित जिला अदालत ‘पटियाला हाउस’ प्रमुख कारण है। यह इमारत तिलक मार्ग और पुराना किला रोड के बीच और इंडिया गेट के नजदीक स्थित है। यह दिल्ली में पटियाला के महाराजा का पूर्व निवास स्थान है, जिसका नाम पंजाब की तत्कालीन पटियाला रियासत के नाम पर रखा गया है। राजा ने यह इमारत ब्रिटिश शैली के साथ ही पटियाला में बनी इमारतों की तर्ज पर बनाने की इच्छा जाहिर की थी, जिसे सर एडविन लुटियन ने डिजाइन किया था। करीब 31,872 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में फैली इमारत में अन्य लुटियन इमारतों के समान, ‘तितली’ लेआऊट वाला एक केंद्रीय गुंबद है। दिल्ली के राजसी आवासों के विपरीत, पटियाला हाउस बलुआ पत्थर से नहीं बना बल्कि सफेद रंग से रंगा हुआ है।
The royal family sold the building 1970 में शाही परिवार ने बेची इमारत
देश की आजादी के बाद अस्तित्व में आई केंद्र सरकार ने भारत गणराज्य का हिस्सा बनने वाली रियासतों के राजाओं और नवाबों को प्रिवीपर्स (निजी खर्च के लिए वार्षिक राशि) देने का प्रावधान किया था। जिसे 1970 के दशक में खत्म कर दिया गया। प्रीवीपर्स बंद होने के बाद पंजाब के शाही परिवार ने पटियाला हाऊस इमारत भारत सरकार को बेच दी।
Original form of Badla Mahal बदला महल का मूल स्वरूप
पटियाला हाउस 2001 में जिला अदालत बना दिया गया, जिसे अब पटियाला हाउस कोर्ट के नाम से जाना जाता है। इस इमारत में कई विस्तार और परिवर्तन देखे गए हैं। जिन्होंने महल के मूल स्वरूप को बदल दिया। पूरे परिसर को पांच भागों में बांटा गया है। मुख्य भवन, प्रकाशन भवन, एनेक्सी भवन, लॉक-अप भवन और विदेश मंत्रालय भवन। इस परिसर में 32 अदालतें, 1 पारिवारिक न्यायालय, दिल्ली कानूनी सेवा प्राधिकरण कार्यालय और विभिन्न अन्य शाखाएं और वकील चैंबर शामिल हैं। फिलहाल दिल्ली में 7 जिला न्यायालय परिसरों में 11 जिला न्यायालयों को संचालित किया जा रहा है।
First building of Delhi High Court दिल्ली उच्च न्यायालय की पहली इमारत
पटियाला हाउस पहले दिल्ली उच्च न्यायालय के रूप में कार्य करता था लेकिन 1978 में यह एक जिला न्यायालय बन गया। जैसे-जैसे दिल्ली की आबादी बढ़ती गई, मामले बढ़ते गए और अंतत: मार्च 1997 में पटियाला हाऊस में तीन अलग-अलग अदालतें बना दी गई। ऐसा इसलिए भी हुआ क्योंकि पार्लियामेंट स्ट्रीट कोर्ट को पटियाला हाउस में स्थानांतरित कर दिया गया।
2001 में पटियाला हाउस कोर्ट में कुल 54 न्यायाधीशों को नियुक्त किया गया। वर्तमान में अदालत का क्षेत्राधिकार नई दिल्ली, दक्षिण दिल्ली के साथ-साथ दक्षिण-पश्चिम दिल्ली जिलों पर है।