Edited By Niyati Bhandari,Updated: 13 Jan, 2022 08:25 AM
आज पौष माह के शुक्ल पक्ष की ग्यारस के उपलक्ष्य में पौष पुत्रदा एकादशी मनाई जाएगी। इस एकादशी के देवता नारायण हैं। शास्त्रों के अनुसार वंशज के अभाव में पिंडदान नहीं होता, पितृ ऋण से मुक्ति नहीं मिलती,
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Paush Putrada Ekadashi Vrat 2022: आज पौष माह के शुक्ल पक्ष की ग्यारस के उपलक्ष्य में पौष पुत्रदा एकादशी मनाई जाएगी। इस एकादशी के देवता नारायण हैं। शास्त्रों के अनुसार वंशज के अभाव में पिंडदान नहीं होता, पितृ ऋण से मुक्ति नहीं मिलती, वंशज से ही इस लोक में यश व परलोक में शांति मिलती है। युधिष्ठिर के पूछने पर श्रीकृष्ण ने पौष पुत्रदा एकादशी के बारे में वृतांत सुनाया। भद्रावती नगर में राजा सुकेतुमान व उनकी पत्नी शैव्या वंशज रहित थे। राजा रात-दिन लोक परलोक की चिंता में था। एक दिन चिंतित राजा दुखी मन से वन को चल दिया। राजा प्यास के मारे भटकने लगा उसे एक सरोवर दिखा उसी समय राजा के दाहिने अंग फड़कने लगे तथा उसे मुनि दिखाई दिए। राजा ने मुनियों को प्रणाम किया। उस दिन पौष पुत्रदा एकादशी थी व मुनि विश्वदेव थे व इस सरोवर में स्नान करने आए थे। मुनियों ने राजा का हाल सुनकर उसे संतान देने वाली पुत्रदा एकादशी का व्रत करने के लिए कहा। कुछ समय बाद राजा को पुत्र की प्राप्ति हुई। इस एकादशी के विधिवत पूजन व्रत व उपाय से संतान विद्वान बनती है, घर में लक्ष्मी का वास होता है तथा संतान संबन्धित सारे कष्ट दूर होते हैं।
Putrada Ekadashi puja vidhi पूजन विधि: नारायण का विधिवत पूजन करें। गौघृत का दीप करें, चंदन से धूप करें, गुलाबी फूल चढ़ाएं, अबीर से तिलक करें, तुलसी पत्र चढ़ाएं, मखाने की खीर का भोग लगाएं तथा चंदन की माला से इस विशेष मंत्र का 1 माला जाप करें। पूजन के बाद भोग प्रसाद स्वरूप वितरित करें।
Putrada Ekadashi puja mantra: पूजन मंत्र: ॐ जगन्नाथाय नमः॥
Putrada Ekadashi upay: उपाय
घर में लक्ष्मी के वास हेतु नारायण पर लक्ष्मी कौड़ी चढ़ाकर तिजोरी में रखें।
संतान के सौभाग्य हेतु भोजपत्र पर संतान का नाम लिखकर विष्णु मंदिर में चढ़ाएं।
संतान के कष्ट दूर करने हेतु नारायण पर 5 केले चढ़ाकर गरीबों में बांटे।