Edited By Prachi Sharma,Updated: 30 Nov, 2024 11:14 AM
आज बात करेंगे मीन राशि वालों के लिए 2025 धन के लिहाज से कैसा रहने वाला है। साल 2025 में गुरु, राहु, केतु और शनि ये चारों ही ग्रह गोचर करेंगे।
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Pisces Wealth Horoscope 2025: आज बात करेंगे मीन राशि वालों के लिए 2025 धन के लिहाज से कैसा रहने वाला है। साल 2025 में गुरु, राहु, केतु और शनि ये चारों ही ग्रह गोचर करेंगे। शनि 3 साल बाद गोचर करते हैं इसलिए और राहु- केतु डेढ़ साल बाद गोचर करते हैं। इसलिए 1 साल में चारों का गोचर नहीं होता लेकिन 2025 में ये चारों गोचर करेंगे। शनि 29 मार्च को राशि बदलेंगे और मीन राशि में आ जाएंगे जबकि गुरु का गोचर 15 मई को होगा और गुरु मिथुन राशि में गोचर करेंगे। इसके अलावा 29 मई को राहु और केतु का गोचर होगा। राहु कुंभ राशि में आ जाएंगे और केतु का गोचर सिंह राशि में होगा।
शनि मीन राशि में ही आ रहे हैं तो ये आपकी राशि के ऊपर से गोचर कर रहेंगे। आपके ऊपर शनि की साढ़े साती की दूसरी ढैया भी शुरू होगी। मीन राशि चकि जल तत्व की राशि है। लिहाजा इस राशि को शनि की साढ़े साती का ज्यादा नुकसान नहीं होता। लिहाजा इससे ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। राहु आपकी राशि के ऊपर से गोचर कर रहे हैं। वह पिछले डेढ़ साल से यहीं पर है। इससे जरूर आपको मानसिक परेशानियां हुई हैं जिससे इस साल में मुक्ति मिलने वाली है। राशि स्वामी गुरु का तीसरे भाव का गोचर भी अच्छे फल नहीं कर पाया है लेकिन 2025 में केतु आपके लिए शुभ हो जाएंगे और गुरु भी चौथे भाव में गोचर के दौरान कारोबार की के लिहाज से अच्छे फल करेंगे। इसके अलावा आपकी कुंडली में चौथा, दसवां, आठवां, 12वां भाव भी एक्टिव हो जाएगा। इनमें से चौथा और दसवां भाव केंद्र के भाव हैं। इनका एक्टिव होना अच्छा है लेकिन राहु का 12वें भाव का गोचर करते हुए अष्टम को दृष्टि देना कुछ कष्टकारी हो सकता है। अष्टम अचानक धन लाभ देने वाला भाव भी है और इसके पॉजिटिव परिणाम भी आएंगे। राहु का 12वें भाव का गोचर और इस पर गुरु की दृष्टि विदेश यात्रा का भी मौका देगी। इसके अलावा अन्य आय के साधन विदेश के साथ भी बन सकते हैं। आपकी कुंडली में महादशा की बहुत बड़ी भूमिका होती है।
जिनकी आयु 25 से लेकर 60 साल के बीच है। मीन राशि के जातकों का जन्म गुरु के पूर्व भाद्रपद नक्षत्र के आखिरी चरण में शनि के उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में और रेवती नक्षत्र में होता है। गुरु के पूर्व भाद्रपद और शनि के उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में पैदा हुए 30 से 50 साल के जातक इस समय शुक्र की महादशा से गुजर रहे हैं। बुध के रेवती नक्षत्र में पैदा हुए जातकों पर शुक्र की महादशा अंतिम दौर में है या सूर्य की महादशा चल रही है। जो जातक रेवती नक्षत्र के आखिरी चरण में पैदा हुए हैं और 40 साल से ऊपर की आयु के हैं। वह चंद्रमा की दशा से गुजर रहे हैं शुक्र नैसर्गिक तौर पर शुभ ग्रह है और विपुल धन के कारक भी है। लिहाजा शुक्र की महादशा वाले मीन राशि के जातकों के लिए पैसे के फ्लो के लिहाज से 2025 भी बहुत अच्छा रहने वाला है।
साल की शुरुआत में गुरु आपके लिए तीसरे भाव में गोचर कर रहे हैं और केतु सातवें और राहु राशि के ऊपर से गोचर कर रहे हैं। 29 मार्च को शनि के राशि परिवर्तन के साथ ही भाग्य स्थान से शनि की दृष्टि हटेगी और यह आपके लिए काफी लाभदायक साबित होगा। छठे भाग से शनि की दृष्टि हटना भी कर्ज के मामलों में राहत देने वाला हो सकता है। केतु इस भाव में आकर इस भाव के परिणाम को ज्यादा बेहतर कर देंगे और कारोबारी विवाद के मामले में भी आपके पक्ष में। आपकी राशि के स्वामी गुरु हैं जबकि धन स्थान के स्वामी मंगल और आय स्थान के स्वामी शनि है। कर्म स्थान के स्वामी आपके लिए गुरु ही बनते हैं।
लिहाजा यह सारे ग्रह और शुक्र आपस में जब-जब संबंध बनाएंगे तो आपको इससे धन का लाभ होगा। साल के पहले महीने में 28 जनवरी को शुक्र मीन राशि में आकर उच्च के हो जाएंगे। मीन राशि के अधिकतर जातक शुक्र की महादशा से ही गुजर रहे हैं। लिहाजा महादशा नाथ और विपुल धन के कारक ग्रह शुक्र उच्च राशि में आएंगे। यह 31 मार्च तक रहेंगे यह आपके लिए धन के लिहाज से बहुत अच्छे फल करेगा। 29 मार्च को शनि राशि के ऊपर से गोचर करेंगे और दसवीं दृष्टि से कारोबार वाले भाव को देखेंगे।
शनि आय स्थान के स्वामी भी हैं लिहाजा शनि का कारोबार वाले भाव के साथ संबंध बनाना अच्छा है। इस बीच 15 मई को गुरु का गोचर हो जाएगा ये चौथे भाव में आ जाएंगे और मिथुन राशि में गोचर करेंगे और दसवें भाव को दृष्टि देंगे। इससे कारोबार में वृद्धि होगी और नौकरी पेशा लोगों के लिए कार्यस्थल पर उनका प्रभाव बढ़ता हुआ नजर आएगा। मीन राशि में ही 29 मार्च को सूर्य को ग्रहण लग रहा है और ग्रहण के प्रभाव में बुध शुक्र शनि भी आ जाएंगे। सूर्य, बुध, शुक्र शनि और राहु यह पांचों ग्रह मीन राशि में 13 अप्रैल तक गोचर करेंगे।
इस राशि में 31 मई तक शनि और राहु की युति रहेगी। लिहाजा इस अवधि में कारोबारी फैसलों को लेकर खास सावधानी से काम लिया जाना चाहिए। जो कारोबार पार्टनरशिप में हो रहे हैं वहां ज्यादा सावधानी जरूरी है।
26 जुलाई से 20 अगस्त तक गुरु और शुक्र मिथुन राशि में युति करेंगे और कारोबार के दसवें भाव को देखेंगे। इस अवधि में कारोबार के नए मौके पैदा हो सकते हैं और कारोबार में वृद्धि होती हुई नजर आएगी।
धन स्थान के स्वामी मंगल 13 सितंबर से लेकर 27 अक्टूबर तक तुला राशि में गुरु के प्रभाव में रहेंगे और धन स्थान के स्वामी का अष्टम में गोचर करना और गुरु के प्रभाव में रहना अचानक धन लाभ देने वाला हो सकता है।
7 दिसंबर के बाद शनि राशि के स्वामी गुरु और धनु राशि में गोचर करेंगे। धन भाव के स्वामी मंगल का समसप्तक योग बनेगा। यह योग पैसे के लिहाज से बहुत अच्छा है।
नरेश कुमार
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