Edited By Prachi Sharma,Updated: 23 Sep, 2024 07:30 AM
पितरों की आत्मा की शांति के लिए 15 दिन के पितृ पक्ष के दौरान, श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान आदि किया जाता है। तो वहीं इस दौरान मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। हिंदू धर्म में पितृपक्ष यानि कि श्राद्ध
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पितरों की आत्मा की शांति के लिए 15 दिन के पितृ पक्ष के दौरान, श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान आदि किया जाता है। तो वहीं इस दौरान मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। हिंदू धर्म में पितृपक्ष यानि कि श्राद्ध पक्ष को शुभ नहीं माना जाता है। कहते हैं इस समय किए गए शुभ कार्य फलते नहीं हैं। ऐसे में इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किए जाते तो वहीं इस समय पर जन्में बच्चों के बारें में भी लोग अलग अलग धारणाएं देते हैं। क्योंकि कहते हैं इस समय में जन्में बच्चों पर पितृपक्ष का असर होता है। तो क्या पितृ पक्ष में जन्में बच्चे अपने व अपने परिवार के लिए अशुभ होते हैं ? या फिर श्राद्ध पक्ष में जन्म लेने वाले बच्चे किस्मत के मारे होते हैं ?
तो चलिए जानते हैं श्राद्ध पक्ष में जन्में बच्चे के बारे में, इनका भविष्य, किस्मत,करियर-
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक पितृ पक्ष में बच्चे का जन्म होना बहुत शुभ होता है। श्राद्ध के दौरान पैदा हुए बच्चे बेहद रचनात्मक होते हैं और अपनी कला के जरिए खूब मान-सम्मान कमाते हैं। कहते हैं पितृ पक्ष में 3 पीढ़ी के पूर्वज घर पर आते हैं। ऐसे में इस दौरान जो भी बच्चा जन्म लेता है उस पर पूर्वजों का हाथ होता है। इस कारण वे अपने जीवन में खूब तरक्की करते हैं। साथ ही ये बच्चे अपने परिवार के लिए खुशियां और समृद्धि का कारण बनते हैं। ये बच्चे अपने परिवार के लिए बेहद भाग्यशाली होते हैं और अपने परिवार की किस्मत भी चमका देते हैं।
इसके अलावा ये लोग समय समय पर दान आदि करने भी बहुत विश्वास रखते हैं। गरीबों की मदद करने में ये सबसे आगे होते हैं।
ऐसा भी माना जाता है कि पितृ पक्ष में बच्चे का जन्म होने पर घर में खुशियां आती हैं। इतना ही नहीं बच्चे के जन्म के बाद से घर में तरक्की होने लगती है।
ज्योतिष के मुताबिक पितृ पक्ष में जन्म लेने वाले बच्चे अपने पूर्वज का रूप लेकर वापस धरती पर आते हैं। इन बच्चों का जन्म किसी विशेष कार्य के लिए होता है। इस समय जन्में बच्चों का अपने परिवार के सदस्यों से काफी लगाव होता है। ये बच्चे अपनी उम्र से ज्यादा समझदार होते हैं।
लेकिन ज्योतिष के अनुसार पितृ पक्ष में जन्मे बच्चों का चन्द्रमा थोड़ा कमजोर होता है, जिस वजह से इनका मन एक जगह नहीं टिकता। कई बार ऐसे लोग स्ट्रैस से शिकार भी हो जाते हैं।