Edited By Niyati Bhandari,Updated: 19 Sep, 2024 06:37 AM
सनातन धर्म में पितृपक्ष के दौरान अपने पूर्वजों को खुश करने के लिए उनका स्मरण किया जाता है और उनकी आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म करते हैं। इस अवधि में पितरों
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Pitru Paksha 2024: सनातन धर्म में पितृपक्ष के दौरान अपने पूर्वजों को खुश करने के लिए उनका स्मरण किया जाता है और उनकी आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म करते हैं। इस अवधि में पितरों का तर्पण करना,उनके निमित्त दान और ध्यान करना बेहद शुभ माना जाता है। इस दौरान पूर्वज पितृ लोक से धरती लोक पर आते हैं और श्राद्ध कर्म से प्रसन्न होकर अपने वंश पर आशीर्वाद बरसाते हैं। माना जाता है पितृपक्ष के दौरान पूर्वजों को खुश करने से जीवन में आने वाली हर परेशानी से राहत मिलती है और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। इस दौरान केवल दान-पुण्य करके ही नहीं बल्कि कुछ विशेष स्थान पर दीपक जलाकर भी पितरों का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं कि किन-किन जगहों पर दीपक जलाना शुभ माना जाता है।
घर के मुख्य द्वार पर जलाएं दीपक
पितृपक्ष के दौरान घर के मुख्य द्वार पर दीपक जरूर जलाना चाहिए क्योंकि घर के मुख्य द्वार से ही पितृ घर में प्रवेश करते हैं। यह काम आप पितृपक्ष के हर दिन कर सकते हैं। ऐसा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन की नकारात्मकता भी दूर होती है।
पीपल के पेड़ के नीचे जलाएं दीपक
पितृपक्ष के दौरान पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना बहुत ही शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि पीपल के पेड़ के नीचे पितृ देवों का निवास स्थान है। पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से पितरों की कृपा आप पर बरसती है। साथ ही पितर खुश होते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।
पितरों की तस्वीर के सामने जलाएं दीपक
पितृपक्ष के दौरान पितरों की तस्वीर की सफाई करके उसी स्थान के नीचे दीपक जलाएं। माना जाता है कि ऐसा करने करने से
घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है और जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है।
दक्षिण दिशा में लगाएं पितरों के लिए दीपक
दक्षिण दिशा पितरों की दिशा मानी जाती है। इस दिशा में दीपक जलाने से पितृ प्रसन्न होते हैं और पूर्वजों की आत्मा भी तृप्त होती है। साथ ही व्यक्ति को जीवन में उत्तम परिणाम मिलते हैं।