Edited By Lata,Updated: 17 Jan, 2021 02:44 PM
कहते हैं कि भगवान की आराधना करने से व्यक्ति की हर इच्छा पूर्ण हो जाती है। त
कहते हैं कि भगवान की आराधना करने से व्यक्ति की हर इच्छा पूर्ण हो जाती है। तभी तो लोग भगवान पर इतना भरोसा करते हैं। वहीं भगवान गणेश को हर काम को शुरु करने से पहले पूजा जाता है। गणेश जी बुद्धि के दाता हैं और रिद्धि-सिद्धि के स्वामी हैं। लेकिन आज हम आपको उनके एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां कुंआरी कन्या अगर मनचाहा वर पाना चाहती है तो उसे केवल एक वस्तु भगवान को चढ़ानी होती है।
जी हां, आज हम जिस मंदिर की बात कर रहे हैं वह बप्पा का मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले की पोहरी तहसील में स्थापित है। शिवपुरी जिले की पोहरी तहसील के किले में बसा प्राचीन गणेश मंदिर जो लगभग 200 वर्ष प्राचीन है पोहरी दुर्ग सिंधिया स्टेट के अंतर्गत आता था जो उस समय के जागीरदारनी बाला बाई सीतोले हुआ करती थीं। उन्होंने 1737 में इस मंदिर का निर्माण कराया था।
बता दें कि मंदिर को इच्छापूर्ण गणेशजी के नाम से जाना जाता है। बप्पा यहां अपने नाम के अनुरूप मंदिर में आने वाले हर भक्त की मुराद पूरी करते हैं। बप्पा को यहां श्रीजी के नाम से भी पुकारते हैं। श्रीजी के मंदिर में तो सभी की मुरादें पूरी हो ही जाती हैं। लेकिन कुंवारी युवतियां भी यहां अपने मनचाहे वर की कामना पूर्ति के लिए आती हैं। कहते हैं कि बप्पा इस मंदिर में आने वाली हर कन्या को उसका मनचाहा वर देते हैं। लेकिन इसकी एक परंपरा है, उसके मुताबक ही युवतियां बप्पा के सामने खड़े होकर अपने मनचाहे वर के गुणों का बखान करती हैं। इसके बाद उसे अपने वर के रूप में पाने की प्रार्थना करती हैं।
बता दें कि इस मंदिर में जो दिव्य प्रतिमा स्थापित है वह पुणे से स्वयं बाला भाई साहिब लेकर आई थीं। ज्ञात हो कि मंदिर में प्रतिमा इस तरह स्थापित की गई कि बालाबाई साहिब सितोले को अपनी खिड़की से बप्पा के दर्शन होते थे। श्रीजी के इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि जो भी भक्त यहां स्थापित बप्पा की मूर्ति को एक बार आंख भरकर देख लेते हैं। उनके मन में छिपी इच्छा बप्पा के सामने अपने आप ही जाहिर हो जाती हैं। मान्यता है कि कुंवारी कन्याएं यहां बप्पा को श्रीफल अर्पित करती हैं तो जिस भी वर की कामना उनके हृदय में हो वह पूरी हो जाती है।
गणेश मंदिर को पहले से ही इच्छा पूर्ति मंदिर माना जाता था। वहीं आज भी इस मंदिर में जो भी भक्त लोग नारियल रखकर जो मनोकामना मांगते है वो पूरी हो जाती है इसलिए ग्रामीण क्षेत्र में बसा होने के बाद भी यहां भक्तों का तांता लगा रहता है इस कारण देश के तो भक्त आते ही है विदेश से भी भक्तों का यहां आना लगा रहता है।