Edited By Prachi Sharma,Updated: 14 Jan, 2025 08:37 AM
पोंगल दक्षिण भारत का प्रमुख पर्व है, जिसे विशेष रूप से तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में मनाया जाता है। इस दिन से तमिल के लोगों का नया वर्ष शुरू हो जाता है।
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Pongal Festival 2025: पोंगल दक्षिण भारत का प्रमुख पर्व है, जिसे विशेष रूप से तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में मनाया जाता है। इस दिन से तमिल के लोगों का नया वर्ष शुरू हो जाता है। इस पर्व को चार दिनों तक मनाया जाता है, जिनमें प्रत्येक दिन का अपना विशेष महत्व है। वर्ष 2025 में पोंगल 14 जनवरी यानि आज से हो रही है और ये 17 जनवरी तक मनाया जाएगा। इस दौरान खासतौर पर सूर्य देव की पूजा करने का विधान है। ये त्योहार नई फसल के आगमन का प्रतीक है। आज के बाद से खेती के लिए अनुकूल समय शुरू हो जाता है। तो चलिए जानते हैं आने वाले चार दिन का क्या महत्व है।
पोंगल पूजा का शुभ समय: शुभ मुहूर्त सुबह 8:00 बजे से 10:30 बजे तक
2025 में सूर्य पोंगल के दिन पूजा का रहेगा। इस दौरान भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा करनी चाहिए।
पहला दिन: भोगी पोंगल (14 जनवरी 2025)
भोगी पोंगल पोंगल महापर्व का पहला दिन होता है और यह खास तौर पर पुराने वस्त्रों और अनुपयोगी चीजों को आग में जलाने से संबंधित होता है। इस दिन घरों में सफाई की जाती है और सभी पुराने सामान को हटाकर नए सामान को जगह दी जाती है। इस दिन का उद्देश्य नकारात्मकता और बुराई को दूर करके घर में सुख-शांति और समृद्धि लाना है। इस दिन को विशेष रूप से घरों की सफाई और नवीनीकरण के रूप में मनाया जाता है। लोग पुराने कपड़े, बर्तन और अन्य इस्तेमाल की चीजों को एकत्र करते हैं और उनका नाश करने के लिए आग में जलाते हैं।
दूसरा दिन: पोंगल (15 जनवरी 2025)
पोंगल महापर्व का दूसरा दिन मुख्य पोंगल के रूप में मनाया जाता है, इसे सूर्य पोंगल कहते हैं। यह दिन सूर्य भगवान की पूजा और सम्मान के लिए समर्पित होता है। इस दिन सूर्य देव को पकवान चढ़ाए जाते हैं।
तीसरा दिन: मात्तु पोंगल (16 जनवरी 2025)
मात्तु पोंगल तीसरे दिन मनाया जाता है और यह मुख्य रूप से गायों और बैलों को समर्पित होता है। इस दिन को लेकर खास परंपरा होती है कि लोग अपने बैल और गायों को अच्छे से स्नान कराते हैं, उनके सींगों को सजाते हैं और उन्हें पकवान खिलाते हैं। इसके बाद विधि-विधान के उनकी पूजा की जाती है।
चौथा दिन: कन्नुम पोंगल (17 जनवरी 2025)
कन्या पोंगल पर्व का अंतिम दिन होता है। यह दिन रिश्तों को मजबूत करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन लोग एक-दूसरे के घर जाते हैं, उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं और खुशहाली की कामना करते हैं।